बरौली : थावे-छपरा रेलखंड पर बघेजी ढाला बंद करने के खिलाफ बुधवार को आठ घंटे तक ग्रामीणों ने रेलवे लाइन पर प्रदर्शन और विरोध किया. ग्रामीणों का आक्रोश देख रेलवे अधिकारी बघेजी ढाला को बिना बंद कराये वापस चले गये.
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नहीं बंद हुआ बघेजी रेलवे ढाला, लौटे अधिकारी
बरौली : थावे-छपरा रेलखंड पर बघेजी ढाला बंद करने के खिलाफ बुधवार को आठ घंटे तक ग्रामीणों ने रेलवे लाइन पर प्रदर्शन और विरोध किया. ग्रामीणों का आक्रोश देख रेलवे अधिकारी बघेजी ढाला को बिना बंद कराये वापस चले गये. बुधवार को बघेजी गांव के पास स्थित 41 सी ढाले को बंद नहीं करने देने […]
बुधवार को बघेजी गांव के पास स्थित 41 सी ढाले को बंद नहीं करने देने के लिए अहले सुबह से ही बघेजी के हजारों ग्रामीण रेलवे ट्रैक पर पहुंच गये और प्रदर्शन करने लगे. इधर, रेलवे इंजीनियर और अन्य सहयोगी पहुंचे, लेकिन ग्रामीणों का आक्रोश देख ढाला बंद कराने की हिम्मत नहीं जुटा पाये.
अधिकारियों की सूचना पर आरपीएफ सहित कई थाने की पुलिस पहुंचकर ग्रामीणों को शांत कराने और सुरक्षा में लगी रही. ग्रामीणों का कहना था कि अगर ये ढाला बंद हुआ, तो गांव का विकास अवरुद्ध हो जायेगा. खेती-बारी चौपट हो जायेगी. आठ घंटे तक चले मान-मनौव्वल के बाद अधिकारियों के आश्वासन पर ग्रामीण घर लौटे.
क्या है मामला
बघेजी रेलवे ढाले को बंद करने का फरमान रेलवे ने जारी किया था व 10 जुलाई को ढाले को बंद करना था. ग्रामीणों को इसकी जानकारी तब हुई जब रेलकर्मी ढाला बंद करने का सामान लेकर ढाले पर गिरा कर चले गये. इसकी सूचना मिलने पर सोमवार को ग्रामीण पहुंचे तथा अधिकारियों को चार घंटे तक बंधक बनाते हुए प्रदर्शन किया.
इसके बाद रेलवे ने 10 जुलाई को ढाला बंद कराने का निर्णय लिया. इधर 10 जुलाई को सुबह से ही ग्रामीण ढाले पर आ गये तथा प्रदर्शन करने लगे. कर्मियों के साथ पहुंचे रेलवे के संरक्षा अधिकारी को ग्रामीणों ने ट्रैक पर कोई काम नहीं करने दिया तथा रेलवे ट्रैक पर बैठ नारेबाजी करते रहे.
रतनसराय स्टेशन पर घंटों खड़ी रही सवारी गाड़ी
सुबह छपरा से थावे जाने वाली सवारी गाड़ी गुजर गयी, लेकिन फिर जब वह ट्रेन थावे से छपरा को चली तो रेलवे ने सुरक्षा के लिहाज से उसे रतनसराय स्टेशन पर रोक दिया. इससे यात्री हलकान रहे व स्टेशन पर टहलते दिखे. महिलाओं और छोटे बच्चों की सबसे बुरी स्थिति रही. यहां ट्रेन के रुक जाने से शाम में थावे से छपरा लौटने वाली सवारी गाड़ी को निरस्त कर दिया गया.
एसडीओ ने पुन: जांच का दिया आदेश
रेलवे ढाले को बंद करने के विरोध में ग्रामीणों के प्रदर्शन की खबर पर एसडीओ वर्षा सिंह बघेजी पहुंचीं. उन्होंने ग्रामीणों से बात की व पैदल दहारी दास की मठिया तक गयीं. एसडीओ ने दो सप्ताह का समय पुन: जांच के लिए दिया और ग्रामीणों का समझाया कि प्रदर्शन से ये मामला नहीं सुलझेगा.
ग्रामीण उनके कार्यालय में आवेदन के साथ मिलें. उन्होंने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि उनके साथ इंसाफ होगा. बघेजी स्थित ढाला पर प्रदर्शन और ग्रामीणों को उग्र होते देख बरौली और सिधवलिया थाने की पुलिस मौके पर पहुंच गयी. आरपीएफ के दारोगा प्रमोद कुमार भी दल-बल के साथ बघेजी पहुंच गये. बाद में एसडीओ के समझाने पर मामला शांत हुआ.
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