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डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज रहे बेहाल

हाजीपुर: डॉक्टरों की हड़ताल के कारण सोमवार को जिले के मरीज बेहाल रहे. न सिर्फ निजी हॉस्पिटल और क्लिनिक बंद रहे. सरकारी अस्पताल में भी ओपीडी सेवाएं रहीं. डॉक्टरों की 24 घंटे की हड़ताल के बीच सोमवार को दिन भर शहर में चिकित्सा केंद्रों के निकट मरीजों और उनके तीमारदारों को इलाज के लिए भटकते […]

हाजीपुर: डॉक्टरों की हड़ताल के कारण सोमवार को जिले के मरीज बेहाल रहे. न सिर्फ निजी हॉस्पिटल और क्लिनिक बंद रहे. सरकारी अस्पताल में भी ओपीडी सेवाएं रहीं. डॉक्टरों की 24 घंटे की हड़ताल के बीच सोमवार को दिन भर शहर में चिकित्सा केंद्रों के निकट मरीजों और उनके तीमारदारों को इलाज के लिए भटकते देखा गया. डॉक्टरों के कार्य बहिष्कार की पूर्व घोषणा के बावजूद जानकारी के अभाव में सदर अस्पताल में इलाज के लिए दूर-दराज के इलाकों से सैकड़ों लोग पहुंच गये.

अस्पताल का रजिस्ट्रेशन काउंटर बंद रहने से रोगियों को निराशा हुई. एक तो गर्मी का कहर और उसमें इलाज नहीं हो पाने से दर्जनों मरीज मायूसी में ओपीडी की कुर्सियों पर घंटों लेटे रहे. रोगियों की भीड़ से रविवार को छोड़ हर दिन भरा रहने वाला ओपीडी सोमवार को वीरान पड़ा था और इसके सभी विभागों के ताले झूल रहे थे.
इमरजेंसी में की गयी थी व्यवस्था
मरीजों के इलाज में समस्या उत्पन्न न हो, इसके लिए सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में विशेष व्यवस्था की गयी थी. तीन डॉक्टरों के अलावा पारा मेडिकल स्टाफों को तैनात किया गया था. इमरजेंसी में ऐसे सैकड़ों मरीजों का इलाज हुआ, जो ओपीडी के मेडिसिन, सर्जिकल या अन्य विभागों में इलाज के लिए पहुंचे थे. जनहित को देखते हुए चिकित्सक संगठनों ने इमरजेंसी सेवा को बहाल रखने का निर्णय लिया था.
सड़क पर उतरे चिकित्सक, सुरक्षा की मांग
कोलकाता समेत अन्य शहरों में चिकित्सकों पर हमले के खिलाफ ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ गवर्नमेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के आह्वान पर देशव्यापी हड़ताल के दौरान शहर के एकजुटता दिखाते हुए डॉक्टर सड़क पर उतरे. आइएमए के जिला सचिव डॉ मधुसूधन सिंह, कोषाध्यक्ष डॉ राजेश कुमार, चिकित्सक संघर्ष मोर्चा के उपाध्यक्ष डॉ अमित कुमार, आइडीए के प्रदेश अध्यक्ष डॉ ठाकुर मुकेश सिंह चौहान, डॉ सर्वेश्वर कुमार, डॉ अजीत प्रकाश समेत अन्य चिकित्सकों ने सड़क पर मार्च करते हुए सदर अस्पताल परिसर में प्रदर्शन किया. एनआरएस अस्पताल, कोलकाता के चिकित्सकों पर जानलेवा हमले के आरोपितों पर अविलंब ठोस कार्रवाई और चिकित्सकों-स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा को लेकर कड़े कानून बनाने की मांग की गयी.
काला बिल्ला लगा कर जताया विरोध
महुआ. डॉक्टरों की हड़ताल की वजह से महुआ अनुमंडल क्षेत्र में भी स्वास्थ्य सेवाओं पर बुरा असर पड़ा. हड़ताल की वजह से दूर-दराज से इलाज को आये सैकड़ों मरीज बिना इलाज कराये ही वापस लौट गये.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के बैनर तले क्षेत्र के चिकित्सकों ने पातेपुर रोड स्थित एक हॉस्पिटल पर जुटे. यहां डॉ केसी विद्यार्थी तथा डॉ शमीम अंसारी के संयुक्त नेतृत्व चिकित्सकों ने काला बिल्ला लगाकर विरोध जताया. चिकित्सकों ने कहा कि अगर केंद्र व राज्य सरकार अगर कोई ठोस कार्रवाई नहीं करती है तो बाध्य होकर वे फिर से हड़ताल करेंगे. इस मौके पर डॉ वी दयाल सिंह, डॉ नवीन कुमार, डॉ विकास कुमार, डॉ अरुण कुमार आदि मौजूद थे.

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