हर घर नल का जल योजना पर लग रहा ग्रहण
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शहर में करोड़ों की जलापूर्ति योजना ठप
हर घर नल का जल योजना पर लग रहा ग्रहण ढाई दशक पूर्व पौने दो करोड़ की लागत से उक्त जलापूर्ति योजना की हुई थी शुरुआत महुआ : स्थानीय बाजार क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति को लेकर करोड़ों रुपये की लागत से बनायी गयी पानी की टंकी से एक […]
ढाई दशक पूर्व पौने दो करोड़ की लागत से उक्त जलापूर्ति योजना की हुई थी शुरुआत
महुआ : स्थानीय बाजार क्षेत्र में निवास करने वाले लोगों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति को लेकर करोड़ों रुपये की लागत से बनायी गयी पानी की टंकी से एक बूंद पानी भी नहीं निकाला जा सका.
रफ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा चलायी जा रही महत्वाकांक्षी योजना भी सफलीभूत होती नहीं दिख रही है. सरकार की उक्त योजना के तहत हर घर में नल का जल पहुंचाने को लेकर विभिन्न स्तर के पदाधिकारियों के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों द्वारा भी जोर- शोर से कार्य करने की बात कही जा रही है. जिसकी चर्चा क्षेत्र में अक्सर होती रहती है. गौरतलब है कि ढाई दशक पूर्व अनुमंडल का दर्जा हासिल करने वाले महुआ के लोगों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति को लेकर प्रखंड सह अंचल कार्यालय के पीछे स्थित लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण कार्यालय परिसर में पौने दो करोड़ की प्राकल्लित राशि से परियोजना शुरु की गयी थी.
कई बार विभाग से भी की शिकायत
करोड़ों की लागत से बने उक्त टंकी से जल की आपूर्ति करने की मांग कई बार स्थानीय लोगों के साथ साथ विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं तथा कार्यकर्ताओं द्वारा भी किये गये़ कई बार विभाग के अधिकारियों से मिलकर पानी टंकी को चालू करने की मांग की गयी. लेकिन अधिकारियों के स्तर से सिर्फ और सिर्फ आश्वासन ही मिला. इस दौरान कई बार गांधी स्मारक चौक से लेकर विभिन्न सरकारी कार्यालयों पर धरना-प्रदर्शन भी किये गये़ लेकिन विभाग द्वारा कभी बिजली की समस्या, तो कभी मोटर की समस्या, तो कभी बोरिंग खराब होने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया गया. नल तथा पाइप के क्षतिग्रस्त होने का बहाना भी किया गया.
अधिकारी अक्सर रहते कार्यालय से अनुपस्थित: इस संबंध में जब विभाग के कनीय अभियंता से जानकारी लेने की कोशिश की गई तो उनसे संपर्क नही हो सका. जब उनके मोबाइल फोन पर सम्पर्क करने की कोशिश की गई, तब भी संपर्क नहीं हो पाया.जानकारी के अनुसार मशीन बंद पड़ा है,विभाग की संपति की देख रेख को लेकर कार्यालय में कनीय तथा सहायक अभियंता के अलावे एक लिपिक तथा दो चपरासी भी पदस्थापित हैं,जिसमें चपरासी और लिपिक तो नियमित व समयानुसार ड्यूटी पर उपस्थित हो जाते है,लेकिन दोनों अधिकारी कभी राजापाकर तो, कभी जिला में मीटिंग की बाते कहते हुए कार्यालय में अनुपस्थित रहते हैं.
ऐसा ही शनिवार को भी देखा गया.जब दोपहर 12 बजे के करीब पानी टंकी की समस्या से संबंधित जानकारी लेने के लिये महुआ प्रभात खबर के प्रतिनिधि गये, तो दोनों में से एक भी पदाधिकारी कार्यालय में मौजूद नही थे.इसकी जानकारी सिविल एसडीओ को दी गयी.
क्या कहते हैं बाजार के लोग व अधिकारी
वर्षों पूर्व करोड़ों रुपये की लागत से बनाये गये पानी की टंकी से पानी की सफ्लाई नही की जा रही है,जिस कारण सरकार के खजाने की राशि का दुरुपयोग हो रहा है.
अजय गुप्ता,युवा समाजसेवी,महुआ बाजार
एक तरफ पानी टंकी से बाजार वासियो को पानी की सप्लाई नही दी गई,वहीं अब हर घर नल का जल पहुचांने की बात कही जा रही है.देखना है नल जल योजना का लाभ कब तक मिल पाता है.
अभिषेक जायसवाल,वार्ड पार्षद,वार्ड
बाजार के लोगों को स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति को लेकर करोड़ों की लागत से बना पानी टंकी विभागीय उपेक्षा के कारण बंद पड़ा है,वहीं दूषित पानी पीने से लोगों मे तरह तरह की बीमारियां भी हो रही है.
डॉ राधेबाबू,लोहसारी रोड, महुआ
पानी टंकी होने के बावजूद भी चापाकल से निकल रहे आर्सेनिक युक्त पानी का उपयोग करने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है.पानी टंकी चालू करने को लेकर कई बार प्रदर्शन भी किए गये लेकिन कोई सुनने को तैयार नही है.
निक्की जायसवाल, गृहणी,पुरानी बाजार
-महुआ में पीने के पानी की समस्या गंभीर है,आलम यह है कि आर्सेनिकयुक्त पानी के कारण दाल ठीक से पक पाता है, वहीं चालव भी पिला हो जाता है,जिस कारण बाजार से पानी खरीद कर खाना पकाना पड़ रहा है.
ज्योति किरण,गृहणी,सदापुर, महुआ
नगर पंचायत क्षेत्र में पीएचईडी विभाग द्वारा पानी की सप्लाई करनी है, विभाग के अधिकारियों के कार्यालय में मौजूद नही रहने की जांच कर विभाग के वरीये अधिकारियों को लिखा जाएगा.
विनोद कुमार सिंह,एसडीओ (सिविल) महुआ
बाजार के निवासियों में पनप रहा आक्रोश
पानी टंकी से पानी की सप्लाई वर्षों तक नहीं किये जाने पर रोष जाहिर करते हुए बाजार निवासी राजकमल जायसवाल, अजय गुप्ता,गोपाल साह, अमित कुमार, डॉ राधेबाबू, प्रेम चौधरी, मंटू तिवारी आदि ने बताया कि स्वच्छ पेयजल के अभाव में लोग तरह तरह की बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं. लेकिन उसके बावजूद संबंधित विभाग जलापूर्ति की दिशा में कोई पहल नही कर रहा है.जबकि गृहणी रिंकी
जायसवाल,किरण गुप्ता,सविता यादव,रीता देवी,पूजा गुप्ता आदि ने बताया कि चापाकल से निकल रहे आर्सेनिक युक्त पानी से दाल सहित अन्य खाने की सामग्रियों को पकाने में परेशानी होती है. वहीं चावल भी पिला हो जाता है.जिसका सेवन करने से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है.गृहणियों का यह भी कहना है कि नल जल योजना पर भी विभागीय लापरवाही से ग्रहण लग रहा है.
फायदा नहीं
वर्ष 2012 में संबंधित विभाग द्वारा पानी टंकी का निर्माण भी कराया गया था. बाजार वासियों के लिए पानी की सप्लाई को लेकर तकरीबन 4 किलोमीटर में जमीन के अंदर पाइप भी बिछाया गया था,साथ ही 50 नल भी विभिन्न स्थानों पर जरुरत के हिसाब से लगाये गये थे.लेकिन दुर्भाग्यवश उक्त टंकी से एक बूंद पानी भी लोगों तक नही पहुंचाया जा सका.
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