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मां! मेरा क्या कुसूर था, जो झाड़ी में फेंक दिया

हाजीपुर : आज भी बेटियां समाज में पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं. बेटों की चाह में बेटियां उपेक्षित हो रही हैं. नगर थाना क्षेत्र के पुरानी गंडक पुल के पास सोमवार की अहले सुबह झाड़ी में एक नवजात बच्ची मिली. वह रो रही थी, आवाज सुनकर लोगों की भीड़ जमा हो गयी. सभी उस […]

हाजीपुर : आज भी बेटियां समाज में पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं. बेटों की चाह में बेटियां उपेक्षित हो रही हैं. नगर थाना क्षेत्र के पुरानी गंडक पुल के पास सोमवार की अहले सुबह झाड़ी में एक नवजात बच्ची मिली. वह रो रही थी, आवाज सुनकर लोगों की भीड़ जमा हो गयी. सभी उस मां को कोस रहे थे कि जिसने बेदर्दी से इस मासूम को झाड़ी में फेंक दिया. अंधेरा होने के वजह से मोबाइल की रोशनी से बच्ची को देख कर स्थानीय एक महिला ने उसे गले लगाकर अपने घर ले गयी. ग्रामीणों ने नवजात बच्ची मिलने की सूचना चाइल्ड लाइन को दी. चाइल्ड लाइन के अमित कुमार ने बताया कि

तंगौल निवासी महिला इशरत खातून ताजिया जुलूस को देख कर लौट रही थी इसी बीच झाड़ी में नवजात
बच्ची की रोने की आवाज सुनायी पड़ी. झाड़ी में बच्ची होने की सूचना
पर आस पास के लोगों की भीड़ जमा हो गयी. महिला ने बच्ची को
अपने साथ घर लेकर चली गयी. चाइल्ड लाइन ने महिला इशरत खातून के घर जाकर महिला
से बच्ची के विषय में पूछताछ की और महिला के साथ बच्ची को लेकर थाना गयी और वहां एक सनहा दर्ज करा कर बाल कल्याण समिति के आदेशानुसार बच्ची को इलाज के लिए सदर अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती कराया गया है. काउंसलर के मुताबिक झाड़ी में बच्ची होने के कारण आंशिक रूप से जख्मी हो गयी थी उसे इलाज के लिए भर्ती कराया गया है. बच्ची के माता पिता के विषय में कोई जानकारी नहीं मिल सका है. फिलहाल बच्ची का इलाज जारी है. बच्ची को स्वास्थ्य होते ही बाल कल्याण समिति को सौंप दी जायेगी. बच्ची को झाड़ी में फेंकने की घटना को लेकर लोगों के बीच कलयुगी मां के विषय में तरह तरह की चर्चाएं
होती रही.

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