महनार : कविता समाज को जोड़ती है और राजनीति ने समाज को काटने का काम किया है. राजनीति को कविता का अंकुश न मिले, तो जीवन निरंकुश हो जायेगा. उक्त बातें मध्य प्रदेश के शंभूनाथ शुक्ल महाविद्यालय शहडोल में हिंदी के वरिष्ठ अध्यापक डॉ शरद मिश्र ने कहीं. वह महनार के समर्पित संस्कृतिकर्मी एवं ललितकला ग्राम के संस्थापक अशोक बिहारी की स्मृति में आयोजित कवि सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. विद्या निकेतन स्कूल में बुधवार को आयोजित कवि सम्मेलन का उद्घाटन महनार के भूमि सुधार समाहर्ता ललित कुमार सिंह एवं विद्या निकेतन के सचिव किशोर कुमार ने किया.
इस मौके पर डीसीएलआर ललित ने अपने संबोधन में कहा कि अशोक बिहार का निःस्वार्थ संस्कृतिकर्म पूरे जिले को प्रेरित करता रहेगा. कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्या निकेतन के सचिव व अशोक बिहारी के छोटे भाई किशोर कुमार ने की. उन्होंने आश्वस्त किया कि अशोक बिहारी के साहित्यिक सपनों को साकार किया जायेगा और भविष्य में इस कार्यक्रम को और बड़ा रूप दिया जायेगा.
मंच का संचालन करते हुए बैद्यनाथ पंडित प्रभाकर ने अशोक बिहारी के आवेदनों की चर्चा की विद्यालय की छात्राओं ने स्वागत गीत और प्राचार्य नर्मदेश्वर मिश्र ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया. देर रात को विक्रम कुमार आर्य के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ. कार्यक्रम का संयोजन पत्रकार साहित्यकार अश्विनी कुमार आलोक ने किया. इस अवसर कवियों में मुजफ्फरपुर से डॉ पंकज कर्ण, डॉ मीनाक्षी मीनल, बेगूसराय से सच्चिदानंद पाठक, समस्तीपुर से हरिनारायण सिंह हरि, मो. शयुम जावेद के अतिरिक्त हरीशचंद्र जायसवाल, मनोज कुमार मेहता, विजय शर्मा, डॉ विनोद झा, डॉ प्रफुल्ल कुमार सिंह मौन, मिथिलेश कुमार गुप्ता, अरुण कुमार विद्यार्थी, इंद्रजीत राय समेत हजारों लोग