सुपौल जिला तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति की एक दिवसीय प्रशिक्षण को लेकर कार्यशाला का आयोजन मंगलवार को सदर अस्पताल के सभागार में आयोजित की गई. कार्यशाला की अध्यक्षता सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव, जिला तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति डॉ ललन ठाकुर की अध्यक्षता में कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें राज्य सरकार से अनुमति प्राप्त संस्था- बिहार इंस्टीच्यूट ऑफ इकोनॉमिक स्टडीज पटना ने तकनीकी सहायता प्रदान की. संस्था के प्रोजेक्ट कॉडिनेटर चितरंजन सहाय ने तकनीकी माध्यम से कोटपा 2003 कानून के सभी धाराओं को विस्तार से चर्चा किया. कहा कि शहर एवं गांव में तंबाकू सेवन करने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रहा है. कहा कि ग्रामीण इलाकों में इसकी बढ़ती सेवन को कम करने के लिए पंचायत स्तर पर तंबाकू नियंत्रण समन्वय समिति के गठन की आवश्यकता है. सीएस डॉ ललन कुमार ठाकुर ने कहा कि तंबाकू नियंत्रण के लिए जागरूकता कार्यक्रम अहम भूमिका निभायेगा. साथ ही साथ सभी सरकारी कार्यालयों एंव शिक्षण संस्थानों में संवैधानिक चेतावनी पट्टिका को लगना अनिवार्य किया जाना चाहिए. नगर परिषद सुपौल के मुख्य पार्षद राघवेन्द्र झा राघव ने भी जागरूकता कार्यक्रम पर बल दिया और कहा की सभी वार्डों में इसके लिए अलग से बैठक का आयोजन कर तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम में गति लाने का प्रयास करेंगे. गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ ममता कुमारी ने सभी आशा कर्मियों को निर्देश दिया कि वे प्रत्येक घर को इस अभियान से जोड़ने का प्रयास करें. जिला स्वास्थ्य समिति के बाल कृष्ण चौधरी ने युवाओं के बीच इसके बढ़ते चलन पर चिंता व्यक्त करते हुए युवाओं के बीच टॉफेल गाइडलाइन को जिला में चलाने का निर्देश दिया. कार्यशाला के अन्य प्रतिभागियों में संस्था के अशोक कुमार एंव आशीष कुमार सिंह ने भी अपना विचार रखे.
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