– शहर में चौथे दिन भी जारी रहा अतिक्रमण हटाओ अभियान – बड़े शहरों जैसी दिखने लगी शहर की सड़कें – एसडीएम के नेतृत्व में चलाया जा रहा अभियान – फुटपाथी दुकानदारों में देखी जा रही मायूसी सुपौल. शहर को जाम मुक्त, सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लक्ष्य के साथ सुपौल प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान गुरुवार को चौथे दिन भी रफ्तार बनाए रखी. लगातार चार दिनों की कार्रवाई के बाद शहर की सड़कें अब पहले से काफी चौड़ी और साफ दिखने लगी हैं. स्थानीय लोग इसे “बड़े शहरों जैसी सड़कें” बनने की दिशा में उठाया गया ऐतिहासिक कदम मान रहे हैं. वहीं, सड़क किनारे अस्थायी दुकानदारों को किराया लेकर बसाने वाले कुछ मकान मालिकों के चेहरे पर अब मायूसी साफ देखी जा रही है. इस अभियान ने उनकी अवैध कमाई पर सीधे चोट पहुंचाई है. वाहन चालकों को हुई सुविधा शहर में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई लगातार चौथे दिन भी जारी रही. एसडीएम इंद्रवीर कुमार के नेतृत्व में प्रशासनिक टीम ने शहर के विभिन्न मुख्य मार्गों, बाजारों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाया. अभियान में पुलिस बल, नगर परिषद की टीम और राजस्व विभाग के कर्मी शामिल रहे. प्रशासन की इस सख्त पहल से शहरवासियों में राहत और संतोष का माहौल है, वहीं फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले छोटे व्यापारियों में मायूसी देखी जा रही है. शहरवासियों ने बताया कि पहले जिन सड़कों पर दो पहिया वाहन भी मुश्किल से निकल पाते थे, अब वहां चार पहिया वाहन आसानी से गुजर रहे हैं. जगह-जगह पैदल चलने वालों के लिए भी पर्याप्त रास्ता साफ दिख रहा है. स्थायी और अस्थायी अतिक्रमण पर हुई कार्रवाई अभियान केवल ठेला और खोमचा हटाने तक सीमित नहीं रहा. कई ऐसे स्थायी अतिक्रमण जैसे दुकान से आगे बढ़ाए गए शटर, सड़क पर बने सीढ़ियां, फुटपाथ पर फैलाए गए सामान और अवैध पार्किंग पर भी कड़ी कार्रवाई की जा रही है. प्रशासन द्वारा पहले सूचना दी गयी थी. इसलिए अधिकांश दुकानदारों को तैयारी थी. फिर भी कुछ दुकानों के सामने से सामान जब्त किया गया. कमाई रुकने से परेशान हुए मकान मालिक शहर के कई इलाकों में कुछ मकान मालिक अस्थायी दुकानदारों को फुटपाथ या अपने भवन की चौहद्दी से बाहर दुकान लगाने के एवज में महीनों से राशि वसूलते थे. यह अवैध व्यवस्था वर्षों से चल रही थी. अभियान के बाद ये अस्थायी दुकानें हट गईं. जिससे उनकी आय पर रोक लग गई. एक स्थानीय निवासी ने बताया, कुछ मकान मालिक फुटपाथ तक को किराए पर दे देते थे. चाय-नाश्ता की दुकान, मोबाइल रिपेयर, कपड़ा, सब्जी हर चीज सड़क पर ही चल रही थी. प्रशासन की कार्रवाई से सड़क तो साफ हुई ही, लोगों को इस अवैध वसूली से भी राहत मिली. लोगों को मिल रही राहत, जाम में भारी कमी दुकानें हटते ही सबसे बड़ा फायदा यातायात सुचारू होने का हुआ है. पहले बाजार क्षेत्र में जाम लगना रोज की समस्या थी, लेकिन अब वाहनों का आवागमन काफी सुगम हो गया है. स्कूल जाने वाले बच्चों के अभिभावकों, एम्बुलेंस और ऑफिस जाने वालों को विशेष रूप से राहत मिली है. एक व्यापारी ने कहा कि अभियान कठोर है, पर जरूरी भी है. सड़क सबकी है. अगर थोड़ी सख्ती नहीं होती तो शहर कभी साफ-सुथरा नहीं बन पाता. महिलाओं को मिली सबसे अधिक सुविधा फुटपाथ खाली होते ही महिलाओं को खरीदारी करने में सहूलियत मिल रही है. पहले दुकान तक पहुंचने में उन्हें ठेलों, बिछे सामान और भीड़ से जूझना पड़ता था. कई जगह मनचलों की भीड़ के कारण असहज माहौल बन जाता था. अब रास्ते खुलने से ऐसी शिकायतें कम हुई हैं. नागरिकों का कहना है कि यदि इसी तरह सख्ती जारी रही तो सुपौल आने वाले दिनों में एक व्यवस्थित और स्वच्छ शहर के रूप में पहचान बना सकता है. व्यवस्थित दिखने लगा शहर स्थानीय लोगों ने इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि मुख्य सड़कों पर जगह-जगह फैले ठेला, टेबल और दुकानों के कारण यातायात बाधित होता था. कई स्थानों पर जाम की स्थिति बन जाती थी, जिससे स्कूली बच्चों, मरीजों और आम राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था. लोगों का कहना है कि प्रशासन ने लंबे समय बाद एक प्रभावी कदम उठाया है, जिससे शहर अब पहले की तुलना में काफी खुला और व्यवस्थित दिखने लगा है. अतिक्रमण मुक्त शहर प्रशासन की प्राथमिकता : एसडीएम अभियान के दौरान एसडीएम इंद्रवीर कुमार ने कहा कि शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाना प्रशासन की प्राथमिकता है. ताकि यातायात सुचारू रहे, सड़क दुर्घटनाएं कम हों और नागरिकों को बेहतर शहरी सुविधाएं मिल सकें. अधिकारी ने चेतावनी दी कि किसी भी परिस्थिति में दोबारा अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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