वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरा होने पर हरि प्रसाद साह महाविद्यालय में हुआ आयोजन प्राचार्य ने दीप प्रज्वलन एवं मां भारती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया कार्यक्रम का शुभारंभ निर्मली हरि प्रसाद साह महाविद्यालय निर्मली में शुक्रवार को वंदे मातरम गायन के 150 वर्ष पूरा होने पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसका शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. उपेन्द्र कुमार ने दीप प्रज्वलन एवं मां भारती के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य ने कहा कि वंदे मातरम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का अमर गीत है, जिसने असंख्य देशभक्तों को मातृभूमि के लिए बलिदान देने की प्रेरणा दी. उन्होंने छात्रों से इस गीत की भावना को आत्मसात कर राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाने का आह्वान किया. यह कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना यूनिट-एक और यूनिट- दो के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया. सामूहिक वंदे मातरम गायन के दौरान पूरा वातावरण देशभक्ति के जोश से गूंज उठा. कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वितीय इकाई के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. कृष्णा चौधरी ने किया. उन्होंने वंदे मातरम गीत की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और राष्ट्रीय महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा रचित यह गीत भारतीय जनमानस में देशभक्ति और एकता का संचार करता रहा है. इस अवसर पर पूर्व कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अतुलेश्वर झा ने छात्रों को राष्ट्रीय चेतना और कर्तव्यनिष्ठा का संदेश दिया. उन्होंने कहा कि युवाओं को देश की प्रगति के लिए समर्पित भाव से कार्य करना चाहिए. कार्यक्रम के समापन पर राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रथम इकाई के कार्यक्रम पदाधिकारी शिव कुमार पासवान ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया. उन्होंने कहा कि वंदे मातरम केवल एक गीत नहीं, बल्कि यह हमारी राष्ट्रीय अस्मिता और स्वाभिमान का प्रतीक है. उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे इस गीत की भावना को अपने जीवन में उतारकर राष्ट्र के विकास में योगदान दें.
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