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यज्ञ से पितृ दोष, कालसर्प दोष व अन्य ग्रहदोषों से मिलती है मुक्ति : पंडित जीवेश्वर मिश्र

उन्होंने बताया कि मां तारा देवी करुणा, ज्ञान एवं सिद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं.

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– बाबापीठ कर्णपुर काली धाम में सहस्त्र चंडी महायज्ञ का पंचम दिवस, नवग्रह और नव दुर्गा के रहस्यों पर गूंजे आध्यात्मिक प्रवचन सुपौल. बाबापीठ कर्णपुर काली धाम में चल रहे सहस्त्र चंडी महायज्ञ एवं श्रीमद् देवी भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ के पंचम दिवस पर गुरुवार को श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. पूरे यज्ञ क्षेत्र में वैदिक मंत्रों के उच्चारण और वेद पाठ की पवित्र ध्वनि से वातावरण भक्तिमय बन गया. इस अवसर पर मुख्य यजमान पंडित प्राणेश्वर मिश्र एवं कल्पना मिश्र ने विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना की. गुरुदेव शिवाचार्य पंडित जीवेश्वर मिश्र ने अपने विशेष प्रवचन में नवग्रहों और नव दुर्गा के गूढ़ संबंधों की व्याख्या की. उन्होंने बताया कि ग्रहों की ऊर्जाएं दैवीय शक्तियों से जुड़ी होती हैं और इनकी समुचित आराधना से जीवन में संतुलन, सुख-समृद्धि एवं आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त होती है. गुरुदेव ने बताया कि सहस्त्र चंडी महायज्ञ के माध्यम से भगवती की विभिन्न शक्तियों का आह्वान किया जाता है, जिससे साधकों को पितृ दोष, कालसर्प दोष एवं अन्य ग्रहदोषों से मुक्ति मिलती है. इसके अलावा, यह साधना मानसिक शांति, आरोग्यता एवं आध्यात्मिक जागरण का भी मार्ग प्रशस्त करती है. मां तारा देवी की कृपा और साधना का दिव्य रहस्य इस अवसर पर आचार्य शुकदेवानंद व्यास ने मां तारा देवी की उत्पत्ति, उनकी महिमा और साधना विधि पर विस्तृत प्रवचन दिया. उन्होंने बताया कि मां तारा देवी करुणा, ज्ञान एवं सिद्धि की अधिष्ठात्री देवी हैं. उनकी साधना से भक्तों को भय, अज्ञान और सांसारिक संकटों से मुक्ति मिलती है. आचार्य ने मां तारा देवी के विभिन्न स्वरूपों, उनके मंत्रों और शक्ति साधना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मां तारा देवी की कृपा से साधक को अद्भुत आध्यात्मिक ऊर्जा एवं चमत्कारी अनुभूति होती है. वैदिक मंत्रों की गूंज और श्रद्धालुओं का दिव्य नृत्य यज्ञ मंडप में वैदिक पंडितों द्वारा मंत्रोच्चारण से संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया. यज्ञ में प्रमुख पुरोहित पंडित चंदन झा, पंडित आशीष झा, पंडित धीरज झा, पंडित विनोद झा, पंडित मणिरमण, पंडित कन्हैया सहित अनेक विद्वान आचार्यों ने अपनी मंत्रविद्या से यज्ञ की गरिमा को और अधिक बढ़ाया. श्रीमद् देवी भागवत कथा के दौरान भजन-कीर्तन, नृत्य एवं संगीत के मधुर संगम से श्रद्धालु भक्ति में लीन हो गए. कल्पना मिश्रा, सरस्वती देवी, ललिता देवी, लीला देवी, योगाचार्य बबीता, मीरा मिश्रा सहित सैकड़ों महिला एवं पुरुष भक्त इस दिव्य आयोजन में सम्मिलित होकर आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव कर रहे हैं. धर्म और आस्था का संगम बना कर्णपुर काली धाम सहस्त्र चंडी महायज्ञ के माध्यम से भक्तों को आत्मिक शांति, आध्यात्मिक उत्थान एवं दैवीय कृपा की अनुभूति हो रही है. इस पावन अनुष्ठान में भाग लेकर श्रद्धालु अपने जीवन को सकारात्मक ऊर्जा से भर रहे हैं. कर्णपुर काली धाम में इस दिव्य आयोजन की आध्यात्मिक आभा चारों ओर प्रसारित हो रही है, जिससे समस्त क्षेत्र भक्तिमय हो गया है.

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