सुपौल. जिला मुख्यालय स्थित कलेक्ट्रेट के लहटन चौधरी सभागार में बुधवार को जिलाधिकारी सावन कुमार की अध्यक्षता में शिक्षा विभाग की मासिक समीक्षा बैठक आयोजित हुई. बैठक में ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर उपस्थिति दर्ज नहीं कराने वाले 985 शिक्षकों का एक दिन का वेतन रोकने का आदेश डीएम ने दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि जो शिक्षक सरकारी कार्य या प्रशिक्षण में प्रतिनियुक्त थे, उनकी उपस्थिति उसी आधार पर मानी जाएगी, जबकि बिना कारण अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों पर निलंबन की कार्रवाई होगी. बैठक में डीडीसी सारा असरफ, डीईओ संग्राम सिंह, डीपीओ, बीईओ समेत विभागीय अधिकारी मौजूद रहे. डीएम ने त्रिवेणीगंज बीईओ की अनुश्रवण रिपोर्ट अस्पष्ट होने पर नाराजगी जताई और सभी विद्यालयों में भोजनावकाश के बाद भी छात्रों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया. उन्होंने कस्तुरबा विद्यालयों में अधूरे नामांकन को एक सप्ताह में पूर्ण करने और बच्चों के ठहराव की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा. साथ ही बताया कि विद्यालयों को अनुरक्षण एवं मरम्मति के लिए 50-50 हजार रुपये दिए गए हैं. इस राशि से बिजली, पानी, शौचालय और रैम्प जैसी मूलभूत सुविधाओं पर प्राथमिकता से खर्च करने का निर्देश दिया गया. बिना कार्य कराए राशि निकासी होने पर विद्यालय प्रधान जवाबदेह होंगे. इसकी समीक्षा 15 दिन बाद डीडीसी करेंगे. डीबीटी व मध्याह्न भोजन योजना की समीक्षा बैठक में जानकारी दी गई कि जिले में 10 हजार 563 छात्रों का डीबीटी बाधित है. डीएम ने बीईओ को तीन दिनों के भीतर प्रधानाध्यापकों की बैठक बुलाकर समस्या का समाधान करने का आदेश दिया. उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी योग्य छात्र डीबीटी से वंचित रहा तो इसकी जिम्मेदारी विद्यालय प्रधान की होगी. मध्याह्न भोजन योजना की समीक्षा के दौरान उन्होंने विद्यालयों में स्वच्छता और जलजमाव की समस्या पर विशेष ध्यान देने को कहा. डीएम ने विद्यालय परिसरों में ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव और सफाई अभियान चलाने के निर्देश दिए. खाद्यान्न वितरण की समीक्षा के दौरान डीएम ने कहा कि उठाव और वितरण में गुणवत्ता या वजन की किसी भी गड़बड़ी की शिकायत तत्काल डीईओ को दी जानी चाहिए. असैनिक संभाग में निर्माण कार्यों की धीमी प्रगति पर भी उन्होंने नाराजगी व्यक्त की. तकनीकी उप प्रबंधक ने बताया कि हाल ही में उनका पदस्थापन हुआ है और पूर्व में कार्य की जिम्मेदारी सहायक अभियंता मो इसरारूल हसन के पास थी, जो बैठक से अनुपस्थित रहे. इस पर डीएम ने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा करने का निर्देश दिया.
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