सुपौल. अखिल भारतवर्षीय यादव महासभा के तत्वावधान में वीर शहीदों की स्मृति में निकाली जा रही रेजांगला रज कलश यात्रा रथ का भव्य स्वागत किया गया. जिला अध्यक्ष डॉ अमन कुमार के नेतृत्व में यादव महासभा के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने यात्रा का स्वागत अंगवस्त्र और माला पहनाकर स्वागत किया. इस अवसर पर देशभक्ति से ओतप्रोत नारों से वातावरण गूंज उठा. कलश यात्रा के प्रदेश संयोजक अरविंद कुमार अमर ने बताया कि यह ऐतिहासिक यात्रा देश के विभिन्न राज्यों से होते हुए 18 नवंबर 2025 को दिल्ली के जंतर-मंतर पर पहुंचेगी. यात्रा का उद्देश्य रेजांगला के वीर अहीर सैनिकों की शौर्यगाथा को जन-जन तक पहुंचाना है. कार्यक्रम का नेतृत्व करते हुए डॉ अमन कुमार ने कहा कि रेजांगला युद्ध विश्व की उन चुनिंदा लड़ाइयों में से है, जिसकी वीरता आज भी मिसाल बनकर नई पीढ़ी को प्रेरणा दे रही है. 18 नवंबर 1962 को भारत-चीन युद्ध के दौरान पूर्वी लद्दाख स्थित रेजांगला की चौकी पर 13 कुमाऊं बटालियन की चार्ली कंपनी तैनात थी, जिसमें सभी 120 जवान अहीर समुदाय से थे. जब तकरीबन 5000 चीनी सैनिकों ने उस चौकी पर हमला किया, तब इन वीर जवानों ने चौकी खाली करने से इंकार कर दादा किशन की सौगंध ली और दुश्मन से लोहा लिया. इस ऐतिहासिक युद्ध में 114 अहीर जवानों ने मातृभूमि की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान दिया और करीब 3000 चीनी सैनिकों को मार गिराया. उनकी शौर्यगाथा इतनी अद्भुत थी कि शेष बचे चीनी सैनिकों ने भारतीय वीरों को सैल्यूट कर लौटने में ही भलाई समझी. जिला संरक्षक विजय कुमार यादव ने कहा कि इन वीरों की शहादत के कारण ही आज लद्दाख का चुशूल हवाई अड्डा और लेह घाटी भारत के नक्शे में सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि रेजांगला की धरती आज भी इन बलिदानों की गाथा गाती है. यात्रा में ब्रज किशोर यादव, मुकेश यादव, खुशबू भारती, हरिबोल यादव, संतोष यादव, निखिल कुमार, राजा यादव, सुनील कुमार यादव, शैलेन्द्र यादव, प्रीतम कुमार, प्रदीप कुमार, दुर्गेश यादव, छोटू कुमार सहित काफी संख्या में लोग मौजूद थे.
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