सुपौल. जिले के प्रतिभावान खिलाड़ी मिहिर कुमार मिश्रा ने एक बार फिर जिले का मान बढ़ाया है. उन्होंने 01 जून को नासिक (महाराष्ट्र) में आयोजित 18वीं ग्रैपलिंग नेशनल चैंपियनशिप में बिहार का प्रतिनिधित्व करते हुए सीनियर वर्ग में कांस्य पदक जीता. इस उपलब्धि के साथ मिहिर ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है. मिहिर पिछले 13 वर्षों से कराटे और ग्रैपलिंग में सक्रिय हैं और अब तक राष्ट्रीय स्तर पर 09 बार और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 02 बार पदक जीत चुके हैं. वर्ष 2016 में भारतीय टीम की ओर से खेलते हुए स्वर्ण पदक, और 2018 के साउथ एशियन गेम्स में रजत पदक भी उन्होंने देश को दिलाया था. वर्तमान में वे तमिलनाडु से क्रिकेट में भी राज्य स्तर पर हिस्सा ले रहे हैं. बीमार होकर भी खेले, नहीं मिला कोई सहयोग मिहिर ने बताया कि नासिक रवाना होने से ठीक पहले 30 मई को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गयी. इसके बावजूद उन्होंने हिम्मत नहीं हारी और खेल में हिस्सा लिया. दुर्भाग्यवश, स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों से कई बार संपर्क करने के बाद भी उन्हें किसी प्रकार की सहायता नहीं मिल सकी. तबीयत ठीक न होने के कारण वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं दे सके, अन्यथा वे स्वर्ण पदक जीतने में सक्षम थे. उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा, मैंने अब तक राज्य, जिला और देश के लिए 11 पदक जीते हैं, लेकिन आज तक मुझे किसी भी स्तर पर कोई सरकारी सहयोग या प्रोत्साहन नहीं मिला है. उन्होंने हरियाणा, पंजाब, महाराष्ट्र, दिल्ली और तमिलनाडु जैसे राज्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां खिलाड़ियों को जनप्रतिनिधियों और प्रशासन से हर प्रकार का सहयोग मिलता है, जबकि बिहार में खेल और खिलाड़ियों के प्रति रवैया निराशाजनक है. इस अवसर पर अरविंद कुमार शर्मा, डॉ अमित कुमार चौधरी ने मिहिर से मुलाकात कर उन्हें बधाई दी और उनके हौसले की सराहना की.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है