– बिहार सरकार ने 02 करोड़ 48 लाख 68 हजार रुपये की दी स्वीकृति – योजना का उद्देश्य इको-पर्यटन को बढ़ावा देना और हरित क्षेत्र विकास करना है – पर्यावरणीय संरक्षण और सतत विकास की दिशा में माना जा रहा महत्वपूर्ण प्रयास सुपौल बिहार सरकार ने सुपौल वन प्रमंडल के अंतर्गत मानसरोवर झील पार्क के विकास कार्य के लिए 02 करोड़ 48 लाख 68 हजार रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की है. पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार वित्तीय वर्ष 2024-25 में 02 करोड़ 12 लाख 20 हजार रुपये के व्यय की अनुमति दी गई है. इस योजना का उद्देश्य इको-पर्यटन को बढ़ावा देना और हरित क्षेत्र का विकास करना है. इस योजना का क्रियान्वयन प्रधान मुख्य वन संरक्षक (विकास), बिहार पटना द्वारा अनुमोदित कार्य योजना के अनुसार किया जाएगा. योजना के तहत होंगे यह कार्य मानसरोवर झील पार्क के सौंदर्यीकरण और संरचनात्मक विकास, पर्यटकों के लिए सुविधाओं का विस्तार, हरित क्षेत्र और जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा, स्थानीय रोजगार के अवसरों में वृद्धि को ध्यान में रखकर यह कार्य किया जायेगा. पत्र में सरकार ने यह भी निर्देश दिया है कि मजदूरी का भुगतान श्रम संसाधन विभाग बिहार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी दर पर ही किया जाए. इसके अलावा इस राशि की निकासी और व्यय प्रक्रिया बिहार कोषागार संहिता और बिहार वित्त नियमावली के तहत होगी. योजना के क्रियान्वयन का नियमित निरीक्षण प्रधान मुख्य वन संरक्षक पटना द्वारा किया जाएगा और सभी वित्तीय और भौतिक प्रगति की रिपोर्ट सरकार को उपलब्ध कराई जाएगी. सरकार का यह कदम पर्यावरणीय संरक्षण और सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास माना जा रहा है. स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों ने सरकार की इस पहल की सराहना की है और इसे इको-पर्यटन और जैव विविधता संरक्षण के लिए एक बड़ा कदम बताया है. 32 एकड़ जमीन में है मानसरोवर झील नेपाल से सटे होने के कारण यहां पर्यटकों के आने की अपार संभावनाएं हैं. 1987 में सहरसा के तत्कालीन जिलाधिकरी ने बस स्टैंड से पश्चिम कोसी प्रोजेक्ट की 32 एकड़ जमीन पर मैत्री झील (वर्तमान में मानसरोवर झील) का निर्माण किया था. उस समय इस झील को बनाने पर 34 लाख की लागत आई थी. इस प्रस्तावित मानसरोवर झील पार्क परिसर में बोटिंग घाट, रंग-बिरंगे फूलों के पौधे, छतरी, मेडिसनल गार्डेन, पार्टी लॉन, झोपड़ी, लेक आई लैंड, बटर फ्लाई गार्डेन, कैफेटेरिया, जापानी गार्डेन, शॉपिंग कम्पलेक्स, लिली पाउंडस आदि विकसित करने की योजना बनाई गई है.
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