सुपौल. वासंतिक नवरात्र के सातवें दिन शुक्रवार को मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना पूरे श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ की गई. इस पावन अवसर पर मंदिरों में सुबह से ही भक्तों की लंबी कतारें देखने को मिली. जैसे ही पट खोले गए, मां के जयकारों से वातावरण गूंज उठा और श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए उमड़ पड़े. नवरात्र की सप्तमी तिथि पर मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की आराधना की जाती है. भक्तों का विश्वास है कि मां कालरात्रि समस्त नकारात्मक शक्तियों का नाश कर अपने भक्तों को भयमुक्त करती हैं. मंदिर प्रबंधन और प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए गए थे जगह-जगह बैरिकेडिंग, पेयजल की व्यवस्था और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई गई थी. सुरक्षा को लेकर भी पुलिस बल की तैनाती रही ताकि भक्तजन बिना किसी असुविधा के दर्शन कर सकें. महिलाओं और युवाओं की रही खास उपस्थिति पूरे दिन महिलाओं और युवाओं की भागीदारी विशेष रूप से देखने को मिली. माता रानी की पूजा के लिए कई श्रद्धालु व्रत रखकर दिनभर भजन-कीर्तन में लीन रहे. अब भक्तों की नजरें वासंतिक अष्टमी और नवमी पर टिकी हैं, जब कन्या पूजन और हवन का आयोजन होगा. मंदिरों में तैयारियां जोरों पर हैं और श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है. वासंतिक नवरात्र के इस पर्व पर मां कालरात्रि की पूजा ने लोगों के मन में नई ऊर्जा और विश्वास का संचार किया है. हर कोई मां की कृपा पाने की लालसा लिए मंदिर पहुंच रहा है.
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