हरिराहा पंचायत में चल रहा है नौ दिवसीय श्रीराम कथा महोत्सव श्रद्धालुओं को भगवान श्रीराम द्वारा धनुष तोड़ने और सीता स्वयंवर के प्रसंग को सुनाया गया करजाईन हरिराहा पंचायत में चल रहे नौ दिवसीय श्रीराम कथा महोत्सव के पांचवें दिन ऋषिकेश से आए संत हरिदास जी महाराज ने भगवान श्रीराम के जीवन प्रसंगों का सरल और भावपूर्ण वर्णन किया. उन्होंने श्रद्धालुओं को भगवान श्रीराम द्वारा धनुष तोड़ने और सीता स्वयंवर के दिव्य प्रसंग का श्रवण कराया. इस दौरान पंडाल जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा. अपने प्रवचन में उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के जीवन से हमें सरलता, सहजता और विनम्रता का पाठ सीखना चाहिए. कहा कि नम्रता ही जीवन की सबसे बड़ी शक्ति है, क्योंकि अहंकार विनाश का कारण बनता है, जबकि विनम्रता से ही व्यक्ति सच्ची सफलता और शांति प्राप्त करता है. कहा कि यह प्रसंग केवल शक्ति प्रदर्शन नहीं बल्कि नम्रता और मर्यादा का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि नम्रता से ही मनुष्य ईश्वर के निकट पहुंच सकता है, क्योंकि अहंकार पतन का कारण होता है, जबकि विनम्रता से ही सच्ची विजय प्राप्त होती है. बाबा ने नम्रता के लाभ बताते हुए कहा कि जो व्यक्ति अपने कर्मों में विनम्र रहता है वहीं जीवन में सच्ची सफलता और शांति प्राप्त करता है. कथा के अंत में जब बाबा ने आजु मिथिला नगरीय निहाल सखिया भक्ति गीत का गायन किया तो श्रद्धालु भक्ति रस के सागर में डूबकर झूम उठे. पूरा वातावरण राम नाम के जयघोष से गूंजायमान हो उठा.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

