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दुख में ही गोविंद का होता है दर्शन : राधा किशोरी

श्रोता भागवत कथा के प्रसंग व भजन पर भक्ति में लीन होकर ताली बजाते हुए झूम रहे थे

त्रिवेणीगंज. बप्पा पूजा सेवा समिति के बैनर तले गणेश महोत्सव के मौके पर सार्वजनिक दुर्गा मंदिर के गांधी पार्क में आयोजित सात दिवसीय भागवत कथा के दूसरे दिन शुक्रवार की शाम उत्तरप्रदेश के वृंदावन से पधारी प्रसिद्ध कथावाचिका दीदी राधा किशोरी जी ने भागवत कथा सुनाई. इस दौरान कथा सुनने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. श्रोता भागवत कथा के प्रसंग व भजन पर भक्ति में लीन होकर ताली बजाते हुए झूम रहे थे. वहीं कथावाचिका दीदी राधा किशोरी जी ने कहा कि पार्वती जी ने कहा मुझे भी वह अमर कथा सुनाइए. शंकर जी पार्वती जी को अमर कथा सुनाने लगे. शिव-पार्वती के अलावा एक तोते का अंडा था जो कथा के प्रभाव से फूट गया. उसमें से श्री शुकदेव जी का प्राकट्य हुआ. कथा सुनते सुनते पार्वती जी सो गई वह पूरी कथा श्री शुकदेव जी ने सुनी और अमर हो गए. शंकर जी सुखदेव जी के पीछे उन्हें मृत्युदंड देने के लिए दौड़े. शुकदेव जी भागते भागते व्यास जी के आश्रम में पहुंचे. उनकी पत्नी के मुंह से गर्भ में प्रवष्टि हो गए. 12 वर्ष बाद श्री शुकदेव जी गर्व से बाहर आए. इस तरह श्री शुकदेव जी का जन्म हुआ. उन्होंने कहा कि भगवान की कथा विचार, वैराग्य, ज्ञान और हरि से मिलने का मार्ग बता देती है. राजा परीक्षित के कारण भागवत कथा पृथ्वी के लोगों को सुनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. कहा कि समाज द्वारा बनाए गए नियम गलत हो सकते हैं. किंतु भगवान के नियम ना तो गलत हो सकते हैं और नहीं बदले जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि भागवत के चार अक्षर इसका तात्पर्य यह है कि भा से भक्ति, ग से ज्ञान, व से वैराग्य और त त्याग जो हमारे जीवन में प्रदान करे उसे हम भागवत कहते हैं. इसके साथ-साथ भागवत के छह प्रश्न, निष्काम भक्ति, 24 अवतार श्री नारद जी का पूर्व जन्म, परीक्षित जन्म, कुन्ती देवी के सुख के अवसर में भी विपत्ति की याचना करती है. दुख में ही तो गोविंद का दर्शन होता है. साथ साथ परीक्षित को श्राप कैसे लगा व भगवान श्री शुकदेव उन्हें मुक्ति प्रदान करने के लिए कैसे प्रगट हुए आदि कथाओं का भावपूर्ण वर्णन किया. साथ ही श्रीमद् भागवत तो दिव्य कल्पतरु है यह अर्थ, धर्म, काम के साथ साथ भक्ति और मुक्ति प्रदान करके जीव को परम पद प्राप्त कराता है. वहीं मंदिर प्रांगण में गणेश पूजा-अर्चना को लेकर भी भक्तों का उत्साह देखने लायक रहा. कथा के दौरान संगीतमयी भजनों की मनमोहक प्रस्तुति पर श्रोता झूमते नजर आए. कार्यक्रम को सफल बनाने में बप्पा पूजा सेवा समिति के अध्यक्ष मुकेश कुमार सिंह, सचिव मनीष सिंह, उपाध्यक्ष रामोतार साह, उपसचिव पवन गुप्ता, रीना दास समेत समिति के अन्य सदस्य सक्रिय रूप से जुटे रहे.

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