– श्रमदान से बनाया गया पुल – बारिश के मौसम में लोगों को होती है अत्यधिक परेशानी राघोपुर प्रखंड के देवीपुर पंचायत के कोरियापट्टी वार्ड नंबर 07 के लोग आज भी विकास की मुख्यधारा से कोसों दूर हैं. आधुनिक सुविधाओं के दावों के बीच ग्रामीण अब भी जर्जर चचरी के सहारे अपनी दैनिक आवाजाही करने को मजबूर हैं. बेरदह धार पर स्थायी पुल का निर्माण नहीं होने के कारण यह क्षेत्र पिछले डेढ़ दशक से जोखिम भरे रास्ते को झेल रहा है. 15 साल से अस्थायी चचरी ही सहारा ग्रामीणों के अनुसार इस चचरी का निर्माण करीब 15 वर्ष पहले किया गया था. समय-समय पर इसके टूटने पर स्थानीय लोगों ने चंदा इकट्ठा कर स्वयं श्रमदान से इसे दुरुस्त किया. लगभग चार वर्ष पहले जब चचरी दोबारा टूट गई, तब भी ग्रामीणों ने मिलकर उसका पुनर्निर्माण किया. आज भी यही अस्थायी चचरी हजारों लोगों की आवागमन की एकमात्र कड़ी बनी हुई है. दोनों ओर सड़क, लेकिन बीच में पुल नहीं सूत्रों के अनुसार कोरियापट्टी की ओर धार के पश्चिमी हिस्से में कच्ची सड़क है, जबकि किसान चौक की ओर पूर्वी किनारे पर ढलाई सड़क बनाई जा चुकी है. लेकिन बीच में बेरदह धार पर पुल नहीं होने से ग्रामीणों को अत्यधिक परेशानी झेलनी पड़ रही है. किसान चौक तक पहुंचने के लिए लोगों को मजबूरन 5-6 किलोमीटर अतिरिक्त दूरी तय करनी पड़ती है. कई लोग रोजमर्रा के कामों, बाजार, स्कूल, स्वास्थ्य केंद्र, और कृषि कार्यों के लिए गणपतगंज या जागीर होते हुए लंबा रास्ता तय करते हैं. बरसात में मौत का जोखिम, चचरी पर चलना खतरनाक स्थानीय लोगों ने बताया कि बरसात के दिनों में चचरी पर चलना बेहद खतरनाक हो जाता है. फिसलन और तेज धार के कारण दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है. कई बार लोग गिरकर घायल भी हो चुके हैं. ग्रामीणों का कहना है कि “जहां सड़क दोनों ओर तैयार है, वहीं बीच में पुल न होना हमारी सबसे बड़ी समस्या है.” बार-बार आवेदन के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई ग्रामीणों ने बताया कि इस पुल के निर्माण को लेकर कई बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को आवेदन दिया गया. लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. उनका कहना है कि वर्षों से वादे किए जाते हैं, मगर धरातल पर स्थिति जस की तस बनी हुई है. इस मार्ग का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि यह कोरियापट्टी और किसान चौक को जोड़ने वाला प्रमुख संपर्क मार्ग है. पुल न होने से स्कूली बच्चों, मरीजों, किसानों, बुजुर्गों और दैनिक यात्रियों को लगातार मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से जल्द से जल्द स्थायी पुल के निर्माण की मांग की है. उनका कहना है कि अब समय आ गया है कि वर्षों पुराना दर्द खत्म हो और लोगों को सुरक्षित आवागमन का अधिकार मिले. बीडीओ को नहीं है जानकारी इस मामले में पूछे जाने पर बीडीओ सत्येंद्र कुमार ने कहा कि फिलहाल यह मामला जानकारी में नहीं है. जानकारी प्राप्त करते हैं उसके बाद आगे की कार्रवाई की जायेगी.
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