सुपौल. कोशी के कछार पर बसे सुपौल जिला में दर्जनों छोटी बड़ी नदी हैं. हजारों की संख्या में छोटे बड़े तालाब एवं नहर भी हैं. बावजूद पिछले एक पखवाड़े से अधिक समय से लोग बैशाख में जेठ जैसे भीषण गर्मी से झुलस रहे हैं. सुबह सात बजते ही सूर्यदेव अपना रौद्र रूप धारण कर निकल जाते हैं. गर्मी ऐसी की लोग सुबह 11 बजे से शाम के 04 बजे तक घर से नहीं निकल पाते हैं. भीषण गर्मी के कारण एक बार फिर सड़क पर दोपहर के समय में लॉकडाउन जैसा नजारा देखने को मिला. जरूरी काम से ही लोग सिर्फ घर से बाहर निकल रहे हैं. भीषण गर्मी एवं तेज रफ्तार से चल रही गर्म हवा से लोगों के चेहरे झुलसने लगे हैं. लोग गर्म हवा से बचने के लिए जहां मुंह को ढंक कर चलते हैं, वहीं मुंह पर बार-बार पानी का छींटा देकर चेहरे को ठंडक पहुंचाते हैं. गर्मी में अपनी हल्क को बुझाने के लिए लोग ठंडे पेय पदार्थ का सेवन करते हैं. सबसे अधिक नींबू पानी, नारियल पानी, गन्ना का जूस, आइसक्रीम, एवं सत्तू का सेवन करते हैं. खेतों में पड़ने लगी दरारें इधर कड़ाके की धूप व उमस भरी गर्मी के कारण खेतों में दरारें पड़ने लगी है. खेतों में लगी फसल व सब्जी मुरझाने लगी है. किसान बार-बार फसलों की सिंचाई कर उसे बचाने में जुटे रहते हैं. साथ ही चिलचिलाती धूप व गर्म हवा से जीव-जंतु भी परेशान नजर आ रहे हैं. 27 मई से है बारिश की संभावना : कृषि मौसम वैज्ञानिक क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान अगुवानपुर के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ देवन कुमार चौधरी ने बताया कि शनिवार को अधिकतम तापमान 39.8 एवं न्यूनतम तापमान 24.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं आद्रता 73 प्रतिशत दर्ज किया गया. 27 से 30 मई तक बारिश की संभावना जतायी गयी है.
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