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अतिक्रमण हटाने के दौरान भीड़ हुई उग्र, पुलिस को करनी पड़ी लाठीचार्ज

जिला मुख्यालय में मंगलवार को प्रशासन द्वारा चलाए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान पटेल चौक स्थित मस्जिद के समीप माहौल तनावपूर्ण हो गया.

जिला मुख्यालय में मंगलवार को अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान माहौल हुआ तनावपूर्ण

शहर में नाला पर बने अवैध दुकानों को जेसीबी से किया गया ध्वस्त

बार-बार निर्देश के बाद अतिक्रमणकारी नहीं हटा रहे थे कब्जा

सुपौल. जिला मुख्यालय में मंगलवार को प्रशासन द्वारा चलाए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान पटेल चौक स्थित मस्जिद के समीप माहौल तनावपूर्ण हो गया. मस्जिद के पास वर्षों से अवैध रूप से लगी दुकानों को हटाने पहुंची टीम का स्थानीय दुकानदारों और कुछ लोगों ने विरोध किया. विरोध तेज होते ही स्थिति बिगड़ने लगी, जिसे नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. लाठीचार्ज के बाद विरोध कर रहे लोग मौके से तितर-बितर हो गए और स्थिति पर प्रशासन का नियंत्रण स्थापित हुआ. अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत प्रशासन की टीम मंगलवार दोपहर बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ पटेल चौक पहुंची. जैसे ही बुलडोजर अवैध रूप से बनी दुकानों को हटाने के लिए आगे बढ़ा, स्थानीय लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी. कई दुकानदारों ने कार्रवाई पर आपत्ति जताते हुए इसे अचानक और मनमाना बताया. विरोध बढ़ने पर पुलिस ने पहले समझाने की कोशिश की, लेकिन भीड़ उग्र होती देख लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा.

पटेल चौक से बुलडोजर पहुंचा ठाकुरबाड़ी

पुलिस की सख्ती के बाद अभियान बिना किसी बड़ी बाधा के आगे बढ़ा. पटेल चौक की कार्रवाई पूरी करने के बाद प्रशासन का बुलडोजर धतालदास ठाकुरबाड़ी के पास पहुंचा. इस इलाके में नाला पर अवैध रूप से बनी दर्जनों दुकानों को ध्वस्त किया गया. बताया जाता है कि ये सभी दुकानें कई वर्षों से नाला के ऊपर कब्जा जमाए हुए थीं, जिससे जल निकासी की समस्या बढ़ जाती थी. बरसात में इसी वजह से आसपास के क्षेत्रों में जलजमाव की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती थी. रोजगार छिनने के डर से कई दुकानदारों ने यहां भी विरोध का प्रयास किया, लेकिन कड़े पुलिस बंदोबस्त के कारण वे अधिक देर तक विरोध जारी नहीं रख पाए. प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार चेतावनी पिछले सप्ताह ही जारी कर दी गयी थी और सभी अवैध दुकानों को स्वेच्छा से हटाने के लिए कहा गया था. बावजूद इसके कई लोगों ने आदेश की अनदेखी की, जिसके बाद कार्रवाई करना मजबूरी बन गया.

व्यापार संघ का तोड़ा गया मुख्यद्वार

अभियान के दौरान एक और विवादित घटना व्यापार संघ के मुख्य द्वार को तोड़े जाने की रही. स्थानीय व्यापारियों ने इस पर कड़ी नाराजगी जतायी और कहा कि संघ का प्रवेश द्वार वर्षो पुराना है तथा किसी प्रकार का अवैध निर्माण नहीं है. वहीं प्रशासन का तर्क था कि यह गेट मुख्य मार्ग में अतिक्रमण की श्रेणी में आता है. इसी कारण कार्रवाई के दौरान इसे भी ध्वस्त कर दिया गया. अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान एडीएम इंद्रवीर कुमार स्वयं मौके पर मौजूद रहे. उनके साथ साइबर डीएसपी, नगर परिषद के ईओ, सदर थानाध्यक्ष तथा सैकड़ों की संख्या में पुलिस बल तैनात थे. भीड़ नियंत्रण और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए जिले के कई थानों से अतिरिक्त बल बुलाया गया था. पूरे अभियान को नगर दूत की टीम लगातार मॉनिटर करती रही.

शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाना प्रशासन की प्राथमिकता : एसडीएम

एडीएम इंद्रवीर कुमार ने बताया कि शहर को अतिक्रमण मुक्त बनाना प्रशासन की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि सुपौल नगर में मुख्य सड़कों, चौक-चौराहों और नाला के ऊपर अवैध कब्जे से शहर की व्यवस्था प्रभावित हो रही थी. बार-बार निर्देश देने के बावजूद कब्जाधारियों ने स्वेच्छा से अतिक्रमण नहीं हटाया, जिसके बाद कठोर कदम उठाना आवश्यक हो गया. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शहर को व्यवस्थित करने के लिए आगे भी इस प्रकार के अभियान चलाए जाएंगे. जहां स्वेच्छा से अतिक्रमण हटाया जाएगा, वहां किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं होगी, लेकिन जहां अवैध कब्जा बना रहेगा वहां कानून के अनुसार कदम उठाए जाएंगे.

कार्रवाई से आम लोग खुश, तो व्यापारियों में मायूसी

सुपौल में चलाए गए इस अभियान को लेकर आम नागरिकों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिली. कुछ लोग प्रशासन की इस कार्रवाई को सराहनीय कदम मान रहे हैं, क्योंकि इससे शहर में आवागमन और जल निकासी की समस्या दूर होगी. वहीं प्रभावित दुकानदारों का कहना है कि उन्हें वैकल्पिक व्यवस्था देने के बाद ही कार्रवाई की जानी चाहिए थी. अचानक दुकानों को गिरा देने से उनके सामने रोजगार का संकट खड़ा हो गया है. दिन भर चले इस अभियान ने शहर में हलचल मचा दी. घटना स्थलों पर बड़ी संख्या में लोग जुटे रहे और पूरे घटनाक्रम को देखने के लिए भीड़ लगी रही. प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई किसी समुदाय, समूह या संगठन के खिलाफ नहीं बल्कि शहर के विकास और जनहित में की गयी है.

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