सुपौल. कोसी प्रभावित इलाकों में विस्थापन और प्रशासनिक कार्रवाई के खिलाफ जनाक्रोश बढ़ता जा रहा है. कोसी बाढ़ से दशकों से प्रभावित रह रहे लोगों के बीच सोमवार को नरहिया गांव में आयोजित जन आक्रोश चौपाल में कांग्रेस नेता मिन्नत रहमानी ने पीड़ितों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना. रहमानी ने कहा, यह सरासर अन्याय है कि वर्षों से विस्थापित जीवन जी रहे लोगों को न मुआवजा दिया जा रहा है, न कोई वैकल्पिक व्यवस्था, और अब स्पर निर्माण के नाम पर बिना पूर्व सूचना बिजली काट कर बुलडोज़र चलाने की तैयारी की जा रही है. यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. बताया कि न्यायालय का स्पष्ट आदेश है कि मुआवजा दिए बिना किसी भी नागरिक को विस्थापित नहीं किया जा सकता. ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण कार्य से जुड़े ठेकेदार द्वारा बार-बार घर हटाने की धमकियां दी जा रही हैं, और ज़बरन मिट्टी डालकर घरों के रास्ते बंद किए जा रहे हैं. रहमानी ने आश्वासन दिया कि वे इस मुद्दे को जिला प्रशासन के समक्ष मजबूती से उठाएंगे. यदि फिर भी समाधान नहीं होता, तो न्यायालय की शरण ली जाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि कोसी पीड़ितों को दशकों से सिर्फ़ आश्वासन मिला है, अब उनके बसे-बसाए घरों को उजाड़ने की कोशिश अत्यंत निंदनीय है. जन आक्रोश चौपाल में बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे जिनमें प्रमुख रूप से गगनदेव यादव, पंकज कुमार, बाबू लाल मुखिया, विजेंद्र कुमार, बबलू मुखिया, बुच्ची मुखिया, विजय यादव, मो इस्लाम, चंद्रमोहन कुमार, फेंकू मिस्त्री, रमेश मिस्त्री, छेदी मिस्त्री, अरविंद यादव, रविंद्र राम, ब्रह्मदेव मुखिया, कोकाय साह, बिशो पासवान, शिवशंकर साह, अर्जुन यादव, जय प्रकाश मुखिया, चंदन मुखिया, गोसाईं यादव आदि मौजूद थे.
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