– पालतू कुत्ते के मालिक ने कहा पुश चिकित्सालय में एंटीभेनम इंजेक्शन होता तो उसके रॉकी की बच सकती थी जान छातापुर. मुख्यालय पंचायत निवासी संजय पांडेय के रॉकी नामक डॉगी व विषैले सर्प की खूनी भिड़ंत में दोनों की जान चली गई. रॉकी और सर्प की भिड़ंत के तत्काल बाद जख्मी सर्प की मौके पर ही मौत हो गई. जबकि सर्प के डंसने से गंभीर स्थिति में पहुंचे रॉकी की मौत अस्पताल में समुचित उपचार के अभाव में हुई है. सीएचसी के प्रभारी डॉ नवीन कुमार ने बताया कि यहां मनुष्य का इलाज होता है. जानवरों के लिए यहां कोई दवा उपलब्ध नहीं थी. वहीं पशु चिकित्सालय के चिकित्सक इंचार्ज डॉ तेजस कुमार की मानें तो एंटीभेनम इंजेक्शन से डॉगी को बचाया जा सकता था. परंतु पशु चिकित्सालय में यह इंजेक्शन आज तक उपलब्ध नहीं हुआ है. इधर तत्काल उपचार के अभाव में रॉकी के दम तोड़ने के बाद पालक श्री पांडेय भाव विभोर होकर आक्रोशित हो उठे. उन्होंने बताया कि रॉकी जब एक सप्ताह का था. तो हाजीपुर से लाये थे. बच्चे की तरह उसका पालन पोषण किया. उसका बर्थडे भी मनाया करते थे. पांच वर्ष का हो चुका रॉकी परिवार में सभी का प्यारा था. उसे खोने के बाद परिवार के सभी सदस्य दुखी हैं. रॉकी के साथ बिताये क्षण को बयां कर रहे हैं. श्री पांडेय ने बताया कि गुरुवार दिन के करीब दो बजे घर के लोग अपने दिनचर्या में व्यस्त थे. रॉकी भी घर के सटे बने कवाड़खाना में खेल रहा था. खेलने के क्रम में वहां छुपे एक जहरीले सर्प से उसकी खूनी भिड़ंत हो गई. भिड़ंत के बाद लहुलुहान अवस्था में सर्प की मौत हो गई. रॉकी की अजीब आवाज सुनकर घर लोगों ने वहां जाकर देखा तो सर्प छटपटा रहा था. जिसके बाद वह अचानक शांत हो गया. तब तक रॉकी को सर्प के डंस लेने से सभी अनभिज्ञ थे. करीब डेढ़ घंटे बाद रॉकी लड़खड़ाने लगा और जमीन पर गिर गया. फिर रॉकी को गोद में लेकर सीएचसी पहुंचे, तो वहां चिकित्सक ने बताया कि यहां जानवरों का इलाज नहीं होता और ना ही उसकी कोई दवा उपलब्ध है. जिसके बाद आनन फानन में रॉकी को लेकर पशु चिकित्सालय पहुंचे. जहां बताया गया कि यहां एंटीभेनम इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है. जानवरों को स्नैक बाइट मामले में एंटीभेनम ही एकमात्र उपाय है. बताया कि पशु चिकित्सालय के बाद दोबारा सी॓एचसी पहुंचने तक रॉकी की श्वांस चल रही थी. रॉकी की किसी तरह जान बचाने के लिए आरजू विनती करते रहे. इस क्रम में रॉकी ने दम तोड़ दिया. अपराह्न करीब पांच बजे अश्रुपूर्ण नेत्रों से मिट्टी खोदकर उसके शव को दफन कर दिया गया. कहते हैं चिकित्सक इंचार्ज पशु चिकित्सालय के चिकित्सक इंचार्ज डॉ तेजस कुमार ने बताया कि डॉगी को बचाने के लिए एंटीभेनम इंजेक्शन की आवश्यकता थी. स्नैक बाइट मामले में उपयोगी यह इंजेक्शन आज तक उपलब्ध नहीं हुआ है. शायद जिला अस्पताल में भी नहीं होगा. चिकित्सालय में एंटी रैविज इंजेक्शन उपलब्ध रहता है. जो कि किसी जानवर को कुत्ता द्वारा काटने पर लगाया जाता है.
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