सुपौल : सदर अस्पताल में 12 फरवरी को परिवार नियोजन कराने आयी महिलाओं को अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं को मुहैया नहीं कराये जाने व शव ले जाने के लिए शव वाहन उपलब्ध नहीं कराने को लेकर सिविल सर्जन डॉ कृष्ण मोहन प्रसाद ने अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अरूण कुमार वर्मा से स्पष्टीकरण की मांग किया है. वहीं सीएस के जारी पत्र के बाद डीएस श्री वर्मा ने अस्पताल प्रबंधक अभिलाष वर्मा, शल्य कक्ष प्रभारी सह ग्रेड ए नर्स मनीषा कुमारी एवं जिला प्रतिनिधि पशुपति एवं सम्मान फाउंडेशन से जवाब तलब किया है.
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सीएस भड़के, अस्पताल प्रबंधक, ग्रेड ए नर्स सहित अन्य कर्मचारियों से किया जवाब तलब
सुपौल : सदर अस्पताल में 12 फरवरी को परिवार नियोजन कराने आयी महिलाओं को अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं को मुहैया नहीं कराये जाने व शव ले जाने के लिए शव वाहन उपलब्ध नहीं कराने को लेकर सिविल सर्जन डॉ कृष्ण मोहन प्रसाद ने अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अरूण कुमार वर्मा से स्पष्टीकरण की मांग किया […]
बता दें कि प्रभात खबर के 13 फरवरी के अंक में अस्पताल में व्याप्त कुव्यवस्था को लेकर परिवार नियोजन कराने आयी महिला को परिवार नियोजन के बाद देय सुविधा उपलब्ध नहीं कराया गया था. वहीं एक गरीब परिवार को शव ले जाने के लिए शव वाहन भी उपलब्ध नहीं कराया गया था. जिस कारण पीड़ित को निजी वाहन से शव को ले जाना पड़ा था. जिसके एवज में पीड़ित को निजी वाहन मालिक को मोटी रकम अदा करना पड़ा था. इस खबर को प्रमुखता से खबर छापी गयी थी.
दरअसल, सदर अस्पताल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक उप स्वास्थ्य केंद्र में परिवार नियोजन कराने वाली महिलाओं को स्वास्थ्य समित द्वारा गद्दा कंबल, भोजन तथा घर तक जाने के लिए नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा उपलब्ध मुहैया कराया जाता है. लेकिन अस्पताल में मरीज को उक्त सेवा स्वास्थ्य विभाग के द्वारा मुहैया नहीं करायी गयी थी.
23 एंबुलेंस है संचालित
जानकारी अनुसार मरीजों के सुविधा के लिये जिले में सदर अस्पताल सहित रेफरल अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं उप स्वास्थ्य केंद्र को 23 एंबुलेंस संचालित की जा रही है. जिसमें एक शव वाहन तथा एक एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस शामिल है. वहीं 21 एंबुलेंस को बेसिक लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस सेवा एकल टोल फ्री सेवा 102 के तहत संचालित की जा रही हैं.
इनका संचालन आउटसोर्सिंग एजेंसी पशुपतिनाथ डिस्टिब्यूटर पीवीएलटीडी एंड सम्मान फाउंडेशन पटना से पीपीपी मोड में किया जा रहा है. इसके लिए सेवा प्रदाता एजेंसी को 10 रुपये प्रति किलोमीटर के दर से राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा भुगतान किया जाता है.
इन्हें देना है एंबुलेंस की मुफ्त सुविधाएं
गर्भवती महिलाओं के प्रसव के लिए आवास से स्वास्थ्य संस्थान तक लाना तथा प्रसव के बाद घर वापसी व जटिलता की स्थिति में एक संस्थान से दूसरे उच्चतर संस्थान तक पहुंचना है. बीमार शिशु (एक वर्ष तक) के लिए घर से स्वास्थ्य संस्थान और इलाज के बाद घर वापसी तथा जटिलता की स्थिति में एक संस्थान से दूसरे उच्चतर संस्थान तक पहुंचना है.
वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष से अधिक) दुर्घटनाग्रस्त मरीज को प्रथम परिवहन के लिए, कालाजार के रोगी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत रेफर बच्चे, एईएस व जेई से पीड़ित मरीज, एचआईवी संक्रमित मरीज, डेंगू के मरीज, मस्तिष्क ज्वर से पीड़ित मरीज, कैंसर मरीज तथा बंध्याकरण व नसबंदी कराने वाले स्त्री एवं पुरुषों को 102 एंबुलेंस सेवा नि:शुल्क उपलबध कराया जाना है. वहीं खाद्य आपूर्ति विभाग की ओर से चिह्नित गरीब परिवार राशन कार्डधारी तथा विशेष परिस्थिति में अस्पताल उपाधीक्षक के आदेश पर भी नि:शुल्क एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है.
कहते हैं सीएस
सदर अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ कृष्ण मोहन प्रसाद ने बताया की प्रभात खबर में छपने के बाद अस्पताल उपाधीक्षक और हेल्थ मैनेजर से मामले को लेकर स्पस्टीकरण मांगा गया है. जांच कर दोषी पर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.
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