सुपौल : लोरिक धाम के हरदी दुर्गास्थान परिसर में आयोजित वीर लोरिक महोत्सव के तीसरे और अंतिम दिन बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत और उनके साथियों ने बिहार के पारंपरिक लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति करके लोगों का दिल जीत लिया. लोक गायिका नीतू नवगीत ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना मंगल के दाता भगवान बिगड़ी बनायी जी से की. फिर देवी मां की महिमा गान करते हुए नीतू नवगीत ने लाली चुनरिया शोभे हो शोभे लाली टिकुलिया मैया के शोभे लाल रंगवा हो शोभे लाली चुनरिया गीत पेश किया.
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लोरिक महोत्सव : अंतिम दिन मैया के शोभे लाली चुनरिया… गीत पर झूमते रहे दर्शक
सुपौल : लोरिक धाम के हरदी दुर्गास्थान परिसर में आयोजित वीर लोरिक महोत्सव के तीसरे और अंतिम दिन बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका डॉ नीतू कुमारी नवगीत और उनके साथियों ने बिहार के पारंपरिक लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति करके लोगों का दिल जीत लिया. लोक गायिका नीतू नवगीत ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना […]
उन्होंने पिपरा के पतवा फुनुगिया डोले रे ननदी, वैसे डोले जियरा हमार, हमरा आम अमरैया बड़ा नीक लागेला, सैया तोहरी मड़ईया बड़ा नीक लागेला, कौने रंगे वृंदा हो बनवा, कौने रंगे यमुना, कौने रंग बृजबाला कन्हैया खेलत हो अंगना जैसे पारंपरिक लोकगीतों को सुना कर माहौल में मस्ती का रस घोल दिया. फिर होली गीतों का दौड़ चालू हुआ. नीतू नवगीत ने अपने नये एलबम से एक होली गीत नाहीं अइले सजनवा फागुन में पेश किया जिसे लोगों ने खूब पसंद किया.
फिर उन्होंने गोरिया बूटीदार कहवां रंगबले चुनरिया फागुन में गीत पेश किया जिस पर लोग झूम उठे. कार्यक्रम के दौरान नीतू नवगीत ने कहा कि वीर लोरिक एक दिव्य व्यक्तित्व के स्वामी रहे हैं. जिन्होंने मानव जीवन की गरिमा को स्थापित करने तथा शोषण और दमन पर आधारित राज व्यवस्था की समाप्ति के लिए अपनी शक्ति का उपयोग किया.
लोक गाथाओं में वीर लोरिक और मंजरी का प्रेम एक ऐसा दृष्टांत है जिस पर जितना लिखा जाए, जितने गीत गाए गए कम हैं. नवगीतिका लोक रसधार के कलाकारों खुशबू, निधि, श्रीपर्णा, अरुण कुमार, देव कुमार, मुन्ना जी और सुनील ने जट जटिन नृत्य, मोरंग नृत्य और पारंपरिक झिझिया नृत्य पेश करके लोगों को रिझाया ।
कार्यक्रम से पहले पत्रकारों से बात करते हुए नीतू कुमारी नवगीत ने कहा कि बिहार के पारंपरिक लोकगीतों को गाकर उन्हें सुकून मिलता है. अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाना हम सबकी जिम्मेदारी है. अपने नये एलबम के बारे में उस कहा कि उनके द्वारा गाया गया होली गीत नहीं अईले सजनवा फगुआ में यूट्यूब और फेसबुक पर काफी लोकप्रिय हो रहा है.
टी-सीरीज के हमार भोजपुरी चैनल से जारी इस गीत को फेसबुक पर ढाई लाख से अधिक लोग देख चुके हैं. यह गीत यूट्यूब पर भी लोकप्रिय हो गया है और 20000 से अधिक लोगों ने उसे वहां देखा है. गीत के वीडियो का निर्देशन प्रसिद्ध निर्देशक दीपश्रेष्ठ ने किया है. इस गीत को लिखा है बिरेंद्र पांडे ने और संगीत से सजाया है राजेश केसरी ने.
गायिका नीतू कुमारी नवगीत में बताया कि पिछले साल होली में उन्होंने दो गीत कान्हा मारे गुलाल से रंग बरसे राधा के गाल से और कान्हा होलिया में रंग बरसईब कि ना,कान्हा ऊंगली पकड़ कर नचईब कि ना रिलीज किए थे जिसे श्रोताओं ने काफी पसंद किया था.
डॉ नीतू की होली गीत आव गोदवा ल हो गोधानवा पर श्रोताओं ने जमकर लिया आनंद
सुपौल. बिहार सरकार के कला संस्कृति एवं युवा विभाग व जिला प्रशासन के सौजन्य से जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर पूरब हरदी दुर्गा स्थान स्थित तीन दिवसीय लोरिक महोत्सव के आखिरी संध्या आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में देश के नामचीन कलाकारों ने गायन नृत्य एवं व्यंग से श्रोताओं को अपनी कला प्रदर्शन कर खूब झुमाया खूब गुदगुदाया. लोरिक महोत्सव कार्यक्रम का आगाज करते हुए पार्श्व गायिका डॉ नीतू कुमारी ने अपनी प्रस्तुति से महोत्सव को यादगार बना दिया.
मंच पर अपनी गायिकी के लिए मंच पर डॉ नीतू कुमारी के पहुंचते ही दर्शकों में भारी उत्साह दिखा. दर्शकों का अभिवादन करते हुए डॉ नीतू कुमारी ने एक से बढ़कर एक मनमोहक लोक गीतों से लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया. महोत्सव में डॉ नीतू कुमारी जब अपनी खनकती आवाज में छठ गीत कांचे ही बांस बहंगिया ,बहंगि लचकल जाए की तान छेड़ी तो पूरा माहौल झूम उठा.
हजारों की संख्या में श्रोताओं को उनकी विशिष्ट आवाज ने दीवाना बना दिया. उन्होंने वसंत ऋतु को देखते हुए होली के फूहड़ गीत आव गोदवा ल हो गोधानवा …. प्रस्तुत किया तो दर्शकों के बीच तालियों की गड़गड़ाहट शुरू हो गयी. हजारों की संख्या में श्रोताओं ने खड़े होकर उनक सम्मान किया.
कार्यक्रम के बीच सबसे मजेदार पल तब आया जब डीएसपी विद्यासागर ने होली गीत चुनरी में लागेला हवा पिया बेलबॉटम सिया द हो पूरे महोत्सव को न केवल यादगार बनाया बल्कि अपनी प्रतिभा की अमिट छाप भी छोड़ी और दर्शकों का मनोरंजन किया. वहीं स्थानीय कलाकार पिपरा प्रखंड के रामनगर की बेटो आरुषि कुमारी ने अपनी नृत्य का जलवा जब बिखेरी महोत्सव में मौजूद दर्शक अपनी तालियां की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया. पंडाल दर्शकों से खचा खच भरा था.
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