सुपौल (सरायगढ़) : बिहार के सुपौल में भपटियाही थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव के वार्ड 12 में आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 53 पर एएनएम द्वारा बुधवार को टीकाकरण किया गया. बताया जा रहा है कि टीकाकरण के उपरांत रुपेश रजक के डेढ़ माह के पुत्र सूरया कुमार की मौत करीब 14 घंटे के बाद हो गयी. जिसको लेकर बच्चे के शव को लेकर परिजन व ग्रामीण अस्पताल पहुंचे.
परिजन व ग्रामीणों ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रामनिवास प्रसाद के विरुद्ध अस्पताल के गेट पर शव के साथ खड़े होकर गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया. परिजनों का कहना था कि आंगनबाड़ी सेविका के उपस्थिति में एएनएम द्वारा बिना कार्ड देखे बच्चे को टीकाकरण किया गया. बच्चे के मां नेहा देवी बताया कि टीकाकरण से पूर्व बच्चा स्वास्थ्य था. टीका पड़ने के बाद बच्चे को लेकर घर आये और कुछ देर के बाद बुखार हुई. रात्रि में करीब 11:00 बजे बच्चा सो गया. जब 3:00 बजे बच्चे को जगाया तो बच्चा नहीं जगा. जिसके बाद घर के सदस्यों को इसकी जानकारी दी गयी. घर के सदस्यों के देखने के बाद बच्चे को मृत पाया गया. घटना को लेकर मृत बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायगढ़ भपटियाही लाया गया.
जहां चिकित्सक डॉक्टर बीएन पासवान ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद आक्रोशित ग्रामीण एवं परिजनों ने अस्पताल परिसर में अस्पताल कर्मी के विरुद्ध जांच करवाने की मांग पर अड़े हुए थे. सूचना पर डीआईओ सीके प्रसाद, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ डॉ सचिन कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रामनिवास प्रसाद ने पहुंच कर परिजनों से जानकारियां ली. मामले की जांच करवाने के आश्वासन परिजन एवं ग्रामीण शांत हुए. मालूम हो कि बुधवार को आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 53 पर टीकाकरण में एएनएम प्रमिला कुमारी एवं मीरा कुमारी शामिल थे.
डीआईओ श्री प्रसाद ने बताया कि सभी बिंदुओं की जानकारियां प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य प्रबंधक तथा एएनएम से ली गयी है. इस रिपोर्ट का गहन जांच की जायेगी, कहां किसकी गड़बड़ी हुई है. वहीं, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने कहा कि टीकाकरण अभियान के बाद बच्चे की मौत की जांच की जा रही है. स्वास्थ्य प्रबंधक मो मिन्नातुल्लाह ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र पर एएनएम प्रमिला कुमारी एवं मीरा कुमारी के द्वारा पेंटा 1, आईपीभी, पीसीभी का सूई लगाया गया तथा ओपीभी एवं रोटावायरस पिलाया गया. उन्होंने बताया कि टीकाकरण के दौरान एएनएम को छह से सात प्रकार की दवाइयां साथ में रखनी है और बच्चे को टीकाकरण से पहले देखना है कि उसे बुखार हो या कोई भी बीमारी से ग्रसित हो तो उसे टीकाकरण नहीं किया जायेगा.