सुपौल : सुपौल के कालिकापुर गांव में दो दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें कई विद्वानों ने अपनी-अपनी बात रखी. इस मौके पर पत्रकार अरविंद मोहन ने कहा कि इस वक्त कृषि क्षेत्र गंभीर संकट से गुजर रहा है.
उन्होंने कहा धीरे-धीरे पारंपरिक खेती लगातार विलुप्त होती जा रही है और बड़े पूंजीपति और पश्चिमी देश खेती को संकट में डालकर किसानों की जमीन खुद हड़पना चाहते हैं. उन्होंने कांट्रैक्ट फॉर्मिंग की नीति को इसकी बानगी करार दिया. कोसी प्रतिष्ठान के दो दिवसीय सेमिनार कोसी के किसान के पहले सत्र के वक्तव्य में उन्होंने कोसी अंचल में किसानों की दुर्दशा के लिए सरकारी नीतियों की जमकर आलोचना की.
अरविंद मोहन ने कहा कि सरकार एक तरफ न्यूनतम समर्थन मूल्य का एलान करती है, लेकिन उसको जमीन पर लागू करवाने की कोई ठोस कोशिश नहीं की जाती. उन्होंने कहा कि नमक और मेवा (ड्राई फ्रूट्स) को छोड़कर बिहार के लोग पहले सारे सामान खुद बनाते थे, लेकिन अब ये तस्वीर बदल गयी.