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SRS Report: 45 साल में 16 साल बढ़ी बिहार के लोगों की औसत उम्र, शहरी पुरुषों की औसत उम्र सबसे ज्यादा 72 साल

एसआरएस की रिपोर्ट में बताया गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर लोगों की औसत आयु 70 वर्ष हैं जबकि बिहार का उससे महज कुछ ही कम है. बिहार के महिला और पुरुषों की औसत उम्र में बहुत अंतर नहीं है.

बिहार में शहरी पुरुष की आयु सबसे अधिक पायी गयी है. यहीं नहीं आम बिहारियों में शहरी महिलाओं की औसत आयु भी राज्य की औसत आयु से अधिक है. सिंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बिहार के लोगों की 45 वर्षों के दौरान औसत आयु में 16 वर्षों का इजाफा हुआ है. वर्ष 1970-75 में बिहार के लोगों की औसत आयु 52.9 वर्ष होती थी जो वर्ष 2016-20 के दौरान बढ़कर अब 69.5 वर्ष हो गयी है.

महिला और पुरुषों की औसत उम्र में बहुत अंतर नहीं

एसआरएस में बताया गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर लोगों की औसत आयु 70 वर्ष हैं जबकि बिहार का उससे महज कुछ ही कम है. बिहार के महिला और पुरुषों की औसत उम्र में बहुत अंतर नहीं है. राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण लोगों की औसत उम्र 68.6 वर्ष है, जबकि शहरी क्षेत्र के लोगों की औसत उम्र 73.2 वर्ष है. इधर बिहार में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों की औसत उम्र 69.1 वर्ष है तो शहरी क्षेत्र के लोगों की औसत उम्र 71.9 वर्ष है. बिहार के ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं की औसत उम्र 68.9 है तो पुरुषों की 69.3 वर्ष है. शहरी क्षेत्रों में रहनेवालों की औसत उम्र 71.9 है. शहरी क्षेत्र में पुरुषों की औसत आयु 72.3 है जबकि शहरी क्षेत्र की महिलाओं की औसत उम्र 71.3 है. समय के साथ स्वास्थ्य क्षेत्र आनेवाली जागरूकता और सामाजिक आर्थिक कारणों से लोगों की औसत उम्र की सीमा भी बढ़ रही है.

स्वास्थ्य सुविधा में सुधार का असर 

राष्ट्रीय औसत आयु के साथ बिहार के लोगों की बढ़ी जीवन प्रतिशत को विशेषज्ञ प्रमुख रूप से स्वास्थ्य सेवाओं में किये गये सुधार को मानते हैं. निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं डा सुनील कुमार झा ने बताया कि बिहार के लोगों की आयु बढने के कई कारण हैं. इसमें सबसे बड़ा कारण है कि मृत्यु के कारणों पर रोक लगी है. पहले डायरिया और कलरा से बड़ी संख्या में लोगों की मौत होती थी. इसके अलावा संक्रामक बीमारियों से भी मौत होती थी. सरकार द्वारा प्रभावी रूप से चलाये गये टीकाकरण अभियान के कारण ऐसी बीमारियों पर काबू पा लिया गया है. इसके साथ ही सरकार द्वारा जनकल्याणकारी योजनाएं चलायी गयी है. इसका भी असर हुआ है. साथ ही शिक्षा का स्तर बढ़ा है और लोगों में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता आयी है.

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प्रभावी दवाओं के कारण भी लोगों की उम्र में इजाफा

दवाओं के क्षेत्र में नये अनुसंधान और प्रभावी दवाओं के कारण भी लोगों की उम्र में इजाफा हुआ है. उन्होंने बताया कि कृषि उपज में भी वृद्धि हुई है. अच्छे पोषण का भी असर उम्र पर देखा जा सकता है. इसके अलावा सराकर द्वारा जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम चलाया जा रहा है. सरकारी पहल से नवजात और शिशु मृत्यु दर में कमी आयी है. साथ ही मातृ मृत्यु दर में भी कमी आयी है. इन सब का व्यापक प्रभाव औसत उम्र में इजाफा के रूप में पड़ा है.

Prabhat Khabar News Desk
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यह प्रभात खबर का न्यूज डेस्क है। इसमें बिहार-झारखंड-ओडिशा-दिल्‍ली समेत प्रभात खबर के विशाल ग्राउंड नेटवर्क के रिपोर्ट्स के जरिए भेजी खबरों का प्रकाशन होता है।

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