सीवान. वर्ष 2025 तक हुए देश से टीबी बीमारी के उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाये गये कार्यक्रम के तहत जिले के लगभग सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बलगम जांच के लिए आधुनिक ट्रूनेट मशीन लगा दी गयी है. इसी अभियान के तहत सीवान शहरी क्षेत्र के महादेवा एवं लक्ष्मीपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लगभग दो माह पहले बलगम जांच के लिए ट्रूनेट मशीन लगायी गयी. लैब टेक्निशियन के रहने के बावजूद इन दोनों स्वास्थ्य केंद्रों ने दो माह में एक भी तब मरीज की बलगम जांच नहीं की. बताया जाता है कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में ट्रूनेट मशीन लगने की जानकारी जिला यक्ष्मा विभाग के अधिकारियों को है, लेकिन विभाग द्वारा उन्हें यह नहीं बताया गया है कि ट्रूनेट मशीन शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में क्या उद्देश्य से लगायी गयी है. जिला यक्ष्मा केंद्र में पूरे जिले से मरीज टीबी की जांच कराने के लिए आते हैं. मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण बलगम जांच का बैकलॉग दो से तीन तक हो जाता है. शहर के मरीजों को भी बलगम जांच कराने में दो से तीन दिन का समय कह जाता है. शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बलगम जांच शुरू हो जाती तो शहर के मरीजों की समय से टीबी की दवा शुरू की जा सकती है. एक आंकड़े के अनुसार जनवरी 2024 से लेकर दिसंबर 2024 महीने तक प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों के करीब 88 हजार लोगों के बलगम की जांच की गयी. जांच के दौरान सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों के करीब छह हजार आठ सौ नये रोगियों के मिलने की पुष्टि की गयी है. इनमें फस्ट लाइन और एमडीआर दोनों तरह के रोगी शामिल हैं. इसके अलावा एक्सरे जांच में मिलने वाले रोगियों की संख्या अलग है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी नेसार अहमद ने बताया कि विभाग द्वारा ट्रूनेट मशीन इंस्टॉल तो कर दी गयी है, लेकिन अभी तक जांच करने के लिए ट्रूनेट मशीन का चिप उपलब्ध नहीं कराया गया है. उन्होंने बताया कि चिप की डिमांड की गयी है. चिप आने के बाद टीबी मरीजों की बलगम जांच शुरू हो जायेगी.
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