सीवान. खरीफ विपणन मौसम 2024-25 के तहत जिले में धान की खरीद पूरी हो चुकी है, लेकिन सीएमआर यानी कस्टम मिल्ड राइस की आपूर्ति में कई प्रखंडों की गति अब भी काफी धीमी बनी हुई है.इसे लेकर सहकारिता विभाग ने कड़ा रुख अपनाया है और संबंधित प्रखंडों के पदाधिकारियों से जवाब मांगा है. जिला सहकारिता पदाधिकारी सौरभ कुमार ने पांच प्रखंडों के प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. इसमें गोरेयाकोठी, महाराजगंज, नवतन, रघुनाथपुर और जीरादेई बीसीओ को निदेश दिया है कि पत्र प्राप्ति के 24 घंटे के अंदर अपना स्पष्टीकरण समर्पित करें क्यों नहीं निर्धारित लक्ष्य के विरूद्ध प्रतिदिन सीएमआर की आपूर्ति की जा रही है. उन्होंने कहा है कि जिले में अब तक कुल 2248 लॉट धान की खरीद की गई है. जिसके बदले में 1653 लॉट चावल 15 जून तक राज्य खाद्य निगम को सौंपा गया. विभागीय स्तर पर तिथि बढ़ाकर 10 अगस्त कर दी गई थी ताकि बचे हुए चावल की आपूर्ति समय पर की जा सके. बावजूद इसके गोरेयाकोठी, महाराजगंज, नवतन, रघुनाथपुर और जीरादेई जैसे प्रखंडों में प्रगति बेहद कमजोर है.जानकारी के अनुसार गोरेयाकोठी में 46 लॉट में से सिर्फ 3 लॉट, महाराजगंज में 20 में से एक भी नहीं, नवतन में 22 में से 0, रघुनाथपुर में 68 में से केवल 3 और जीरादेई में 49 में से 3 लॉट की ही आपूर्ति हुई है.जिला सहकारिता पदाधिकारी सौरभ कुमार ने कहा है कि हमने सभी प्रखंडों को स्पष्ट लक्ष्य दिया था. अब तक प्रगति न के बराबर है. अगर समय रहते सुधार नहीं हुआ, तो विभाग सख्त कदम उठाएगा. यह चेतावनी नहीं, अंतिम अवसर है.उन्होंने यह भी कहा कि राज्य खाद्य निगम को समय पर चावल नहीं मिलने से पूरी सरकारी व्यवस्था प्रभावित होती है. इसीलिए सभी अधिकारी पैक्स और मिल के बीच बेहतर समन्वय बनाएं और रोजाना की प्रगति की रिपोर्ट दें.सहकारिता विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी समितियों को फिर से उनके लक्ष्य याद दिलाए जाएं और जरूरत पड़े तो गोदाम स्तर पर निगरानी भी बढ़ाई जाये.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

