प्रतिनिधि,महराजगंज. प्रखंड में धान की फसल पूरी तरह पककर तैयार है, लेकिन कटाई के लिए किसानों को मजदूर नहीं मिल रहा है . अधिकांश मजदूर रोजगार की तलाश में पंजाब, हरियाणा, दिल्ली जैसे राज्यों या स्थानीय ईंट-भट्टों पर जा चुके हैं. जिससे खेतों में तैयार फसल की कटाई प्रभावित हो रही है.इस बार खरीफ मौसम अनुकूल रहने से किसानों को अच्छी पैदावार की उम्मीद थी. परंतु हाल ही में आए मोंथा तूफान ने उम्मीदों पर पानी फेर दिया. तेज हवा और बारिश से कई जगहों पर धान की फसल झुक या गिर गई है. इसलिए किसान जल्द से जल्द कटाई कर फसल को बचाना चाहते हैं. लेकिन मजदूरों की कमी उनकी सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. देवरिया गांव के किसान विपिन बिहारी सिंह, विनय सिंह ने बताया कि फसल पूरी तरह तैयार है. लेकिन मजदूर नहीं मिलने के कारण कटाई शुरू नहीं हो पा रहा है. जो मजदूर उपलब्ध भी है वह मनमाना मजदूरी मांग रहे है. रतनपुरा के किसान शिवशंकर प्रसाद ने बताया कि जहां खेतों तक रास्ता है, वहां हार्वेस्टर से कटाई संभव है. लेकिन अधिकांश खेतों में मशीन पहुंचना मुश्किल है. ऐसे में हाथों से कटाई ही एकमात्र विकल्प है. किसानों का कहना है कि मजदूरों की किल्लत ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

