संवाददाता, सीवान/महाराजगंज. हजरत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की याद में मनाए जाने वाले मुहर्रम को लेकर पहलाम के लिए जिला सहित महराजगंज अनुमंडल मुख्यालय समेत विभिन्न प्रखंडों के विभिन्न गांवों में शनिवार को नौवीं मुहर्रम को अकीदतमंदों ने विभिन्न तरीकों से हजरत इमाम हुसैन और शोहदा-ए-कर्बला की याद में मुहर्रम कमेटी द्वारा ढोल-ताशे के साथ जुलूस निकाला गया. मुहर्रम कमेटी के लोगों की देखरेख में शहर के आरबीजीआर कॉलेज परिसर में पहुंचे जहां सभी ताजिया को मिलान किया गया. ताजिया मिलान देखने के लिए जनसैलाब उमड़ पड़ा. अखाड़ा व ताजिया के साथ युवाओं ने भी शहर से लेकर गांव तक जगह-जगह रुककर यादें हुसैन मनाया. पुरानी बाजार, पसनौली सागर, पसनौली गगन, मोहन बाजार, काजी बाजार, बंगरा, तैवथा, धनछुहा समेत कई अखाड़ों के खिलाड़ी तलवार, भाला, बाना, फरसा के जोखिम भरे करतब दिखाये. शनिवार की रात 12 बजे के बाद निकाले गये जुलूस में शामिल लोग रविवार की सुबह में ताजिया के साथ इमामबाड़ा पर लौटेंगे.रविवार को दसवीं मुहर्रम के दिन शहर से लेकर विभिन्न प्रखंडों के विभिन्न इलाकों से करीब 100 से अधिक अखाड़ा जुलूस निकाला जायेगा. जिसकी तैयारी पूरी कर ली गई है. सभी इलाकों में अखाड़ा जुलूस को लेकर अलग-अलग झांकियां तैयार की जा रही है, पहलाम के ताजिया जुलूस के दौरान ढोल-ताशे पर युवाओं की टोली पारंपरिक करतब दिखायेगी.मुहर्रम पर ताजिया जुलूस से लेकर खेल – तमाशे तक में हिंदू और मुस्लिम दोनों संप्रदाय के लोगों की भागीदारी होती है. जिला मुख्यालय के हाफिजी चौक व पुराना किला के रास्ते सभी ताजिया शांति वट वृक्ष, सोनार टोली व अग्रवाल टोली के रास्ते नया किला के मैदान में पहुंचेगी. सभी ताजिया का पहलाम नवलपुर कर्बला में बुधवार को होगा. इधर, मुहर्रम के ताजिया जुलूस को लेकर ताजियादारों के साथ ही जिला प्रशासन ने भी अपनी तैयारी पूरी कर ली है.पर्व के दौरान विधि- व्यवस्था बनाये रखने के लिए जगह- जगह दंडाधिकारी एवं पुलिस बल की तैनाती की गई है. शहर में निकलने वाले तजियां जुलूस को शांतिपूर्ण व सौहार्दपूर्ण तरीके से संपन्न के लिए रौशन अली, शमशाद खान, अनवर हुसैन, महम्मद मुस्लिम, मो. नईम, गुलतहार मियां, हाजी ई. रफीक अहमद, लाडले, शमशाद आलम, मो. अब्दुल्ला, खालिद हुशैना आदि तत्पर दिखें. हजरत हुसैन की शहादत को याद करने का दिन है मुहर्रम : इस्लाम के जानकार बताते हैं कि इस्लामिक कैलेंडर के पहले माह मुहर्रम की 10वीं तारीख को पैगंबर मोहम्मद के नवासे हजरत इमाम हुसैन की शहादत हुई. उनकी शहादत को हर साल इस दिन याद किया जाता है और गम के तौर पर यह पर्व मनाया जाता है.
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