सीवान. आल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) और रिवोल्यूशनरी यूथ एसोसिएशन ने जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष के पूर्व चंद्रशेखर की 61वीं जयंती धूमधाम से मनाई. इस अवसर पर सैकड़ों युवाओं ने हिस्सा लिया और संकल्प लिया कि चंद्रशेखर की शहादत को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा. उन्होंने लोकतंत्र, समाजवाद और संविधान की रक्षा के लिए जो संघर्ष किया, उस रास्ते पर चलकर उनकी अधूरी लड़ाई को पूर्ण करने का दृढ़ निश्चय किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता आइसा के राज्य सह-सचिव प्रिंस पासवान ने की. इस अवसर पर भाकपा (माले) के वरिष्ठ नेता अमरनाथ यादव ने कहा कि आज संविधान और दलितों के अधिकारों पर भाजपा द्वारा लगातार हमले किए जा रहे हैं. यदि चंद्रशेखर आज जीवित होते, तो वे इस संघर्ष की पहली पंक्ति में खड़े होते. भाकपा (माले) के जिला सचिव हंसनाथ राम ने कहा कि चंद्रशेखर न केवल बिहार के बेटे थे, बल्कि वे नये भारत के भगत सिंह थे. ज़ीरादेई विधायक अमरजीत कुशवाहा ने कहा कि चंद्रशेखर उस दौर में भी छात्रों, युवाओं और सामाजिक न्याय की लड़ाई में सबसे आगे थे. भले ही वे आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके विचार और लेख हमें प्रेरित करते हैं. कहा कि मैं जनता के सहयोग और अपने प्रयासों से उनके नाम पर एक स्मारक और एक विशाल पुस्तकालय स्थापित करने का संकल्प लेता हूँ. चंद्रशेखर के परिवार से राजू ने कहा कि भाकपा (माले) ने हमारे परिवार के इस सपूत को हमेशा याद रखा और उनके संघर्षों को मार्गदर्शन माना. इसके लिए हम सदैव भाकपा (माले) के आभारी रहेंगे. मौके पर माया कुशवाहा, अनीश कुशवाहा, गयासुद्दीन शाह, सोनू कुशवाहा, सुनील यादव, जयशंकर पंडित, उपेंद्र कुमार, विशाल यादव, सुनील पासवान, सतेंद्र चौहान, प्रदीप, शत्रुघ्न, सुजीत व प्रिंस पांडे आदि मौजूद रहे.
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