प्रतिनिधि ,मैरवा. खुशी के शव को शुक्रवार की देर संध्या आरोपित बड़े पापा के घर के दरवाजे समक्ष ग्रामीणों के सहयोग से दफना दिया गया.प्राथमिकी दर्ज होने के तीन दिन बाद भी पुलिस आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. बताते चलें कि उपाध्या छापर निवासी खुशी कुमारी अपने बुआ के घर बड़गांव रहती थी. खुशी जब तीन वर्ष की थी तो उसके पिता की मृत्यु हो गयी थी. उसके बाद उसकी मां दूसरे से शादी कर कही चली गयी. तब से खुशी अपने बुआ के घर बड़गांव रहने लगी. दो जुलाई को खुशी बड़गांव स्थित सरकारी विद्यालय से लापता हो गयी. 10 वर्षीय खुशी पांचवी कक्षा की छात्रा थी. काफी खोजबीन के बाद उसका कहीं पता नहीं चला. इस बीच तीन जुलाई को सीमावर्ती उत्तर प्रदेश से खुशी का शव पुलिस ने बरामद किया. इधर इस मामले में मृतका खुशी की बुआ के आवेदन पर उसके बड़े पापा देवनाथ कुशवाहा, बड़ी मम्मी धर्मशीला देवी सहित अजीत कुमार व आदित्य कुमार के विरूद्ध संपत्ति हड़पने के लिए प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. वहीं शुक्रवार की देर संध्या बड़े पापा देवनाथ कुशवाहा के घर के समक्ष ग्रामीणों के सहयोग से बुआ के परिजनों ने खुशी के शव का दफना दिया. इस मामले में एक नया मोड़ तब आया जब मृतका के बड़े भाई 14 वर्षीय आकाश कुमार का कोई सुराग नहीं मिल रहा है. बुआ के परिजनों ने बताया कि दो जुलाई को ही आकाश कुमार लुधियाना जाने के लिए निकला था. इसके बाद से उससे संपर्क नहीं हो रहा है. इस मामले में थाना प्रभारी भरत साह अभी कुछ बताने से इंकार कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है.
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