प्रतिनिधि, सीवान. फाइलेरिया रोगियों को बीमारी से उत्पन्न विकलांगता और पीड़ा से राहत दिलाने के उद्देश्य से सदर प्रखंड के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पचलखी में 14 मरीजों के बीच रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता रोकथाम किट का वितरण किया गया. कार्यक्रम में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. ओम प्रकाश लाल ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी खुशी कुमारी, वेक्टर जनित रोग पर्यवेक्षक जावेद मियांदाद, पीरामल स्वास्थ्य की पीओ-सीडी पूर्णिमा सिंह, आशा फैसिलिटेटर लाल मुनी चौधरी और अन्य आशा ने मरीजों की पहचान और कार्यक्रम की सफलता में योगदान दिया. फाइलेरिया रोगियों की उपचार के लिए किए जा रहें हैं निरंतर प्रयास सीएचओ खुशी कुमारी ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मोहम्मद नेसार के मार्गदर्शन में फाइलेरिया रोगियों की देखभाल और उपचार के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. एमएमडीपी किट में एंटीसेप्टिक, साफ-सफाई के उपकरण, बैंडेज और पेन रिलीफ क्रीम शामिल हैं, जो सूजन, दर्द और संक्रमण को कम करने में सहायक हैं. इससे मरीजों की दिनचर्या सामान्य बनी रहती है. लाइलाज नहीं है फाइलेरिया बीमारी वीबीडीएस जावेद मियांदाद ने कहा कि फाइलेरिया लाइलाज नहीं, बल्कि प्रबंधनीय बीमारी है. नियमित सफाई, व्यायाम और चिकित्सकीय सलाह से मरीज आत्मनिर्भर बन सकते हैं. पूर्णिमा सिंह ने बताया कि किट में टब, मग, कीटाणुनाशक, साबुन, तौलिया और डिटॉल जैसी सामग्री शामिल हैं, जो मरीजों को संक्रमण से बचाने में मदद करती हैं. यह पहल फाइलेरिया उन्मूलन और जनजागरूकता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

