प्रतिनिधि, दरौंदा. बेल्ट्रॉन के ऑपरेटरों की हड़ताल का असर दिखने लगा है. शनिवार को सरकारी कार्यालयों में कामकाज नहीं हुआ. अपनी मांगों को लेकर बेल्ट्रॉन के ऑपरेटर 17 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. केवल चुनाव कार्य में जिन ऑपरेटरों की डयूटी लगी है, वे ही काम पर है. इसके अलावा जिन अन्य सरकारी कार्यालय में इन ऑपरेटरों की डयूटी है. वहां सन्नाटा पसरा रहा. प्रखंड स्तर पर सभी कार्यालय जहां बेल्ट्रॉन के ऑपरेटर हैं, वहां कामकाज ठप है. अधिकांश काम ऑनलाइन हो चुके हैं. तीसरे दिन भी दर्जनों लोग दाखिल खारिज, परिमार्जन प्लस, मापी एवं ऑनलाइन कार्य के लिए पहुंचे, लेकिन सभी को निराश लौटना पड़ा. कार्यालय तो खुला था कि पर काउंटर पर ऑपरेटर नहीं थे. प्रतिदिन कम से कम दिनभर में उपरोक्त कार्यों के लिए एक सौ से दो सौ लोग आते हैं.राज्यस्तरीय डाटा इंट्री ऑपरेटर एकता मंच ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया था कि राज्य के विभिन्न कार्यालयों में 22000 कर्मी पदस्थापित हैं. राज्य सरकार की योजनाओं के साथ-साथ विभागीय कार्यों का निष्पादन निष्ठापूर्वक वर्षों से करते आ रहे हैं. लेकिन सेवा सुरक्षा की व्यवस्था समुचित नहीं होने से किसी भी क्षण हमारी सेवा वापस कर दी जाती है. इसके बावजूद आज तक हमें मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया है, इन्हीं सभी मांग को लेकर हमारा आंदोलन जारी है. बेमियादी हड़ताल से कामकाज प्रभावित बड़हरिया. अपनी लंबित मांगों के समर्थन में बेल्ट्रॉन के ऑपरेटरों के 17 जुलाई से बेमियादी हड़ताल पर जाने से प्रखंड व अंचल सहित अन्य कार्यालयों का कार्य प्रभावित हुआ है. प्रखंड कार्यालय के तीन व अंचल कार्यालय के चार डाटा इंट्री ऑपरेटर हड़ताल पर हैं. हड़ताल पर गये डांटा इंट्री ऑपरेटर विकास कुमार ने बताया कि हड़ताल पूर्व से लंबित 11 सूत्री मांगों को लेकर है.प्रखंड के डाटा इंट्री ऑपरेटर विकास कुमार, प्रदीप पांडेय, राकेश चौधरी के साथ ही अंचल कार्यालय के डाटा इंट्री ऑपरेटर प्रिंस कुमार,भरत कुमार, नेयाज अहमद सहित सात हड़ताल पर हैं.
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