प्रतिनिधि,सिसवन. चक्रवाती तूफान मोंथा की वजह से बेमौसम हुई बारिश ने धान की फसलों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है. अधिकांश स्थानों पर धान की फसल पूरी तरह से जमीन पर लेट गई है. बर्बाद फसलों के आकलन के लिए प्रशासन एवं कृषि विभाग की तरफ से अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है. ताकि खराब फसलों का आकलन कर किसानों को मुआवजा दिया जा सके. दो सप्ताह पूर्व प्रखंड क्षेत्र मे चक्रवाती तूफान मोंथा की वजह से बेसमय बारिश और तेज हवा चलने से फसल जमीन पर गिर गई, और खेतों में पानी भर गया. इससे किसानों को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है.इसको लेकर प्रशासन की तरफ से अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है.ताकि बीमित सहित अन्य बर्बाद फसलों का आकलन कर मुआवजा किसानों को दिया जा सके.प्रशासन की तरफ से प्रखंड के कृषि विभाग और राजस्व विभाग को बर्बाद फसलों का आकलन करने का निर्देश दिया गया है.वहीं कृषि विभाग की तरफ से ब्लाक स्तरीय टीम का गठन किया गया है. ताकि बीमित फसलों को तत्काल मुआवजा मिल सके, अन्य बर्बाद फसलों को रिपोर्ट प्रशासन को भेजी जायेगी. किसान ने कहा 40 फीसदी से अधिक नुकसान इधर मोंथा तूफान के बाद धान की तैयार फसल में झुलसा रोग लग जाने से किसानों को काफी क्षति हुई है. उनके चेहरे में मायूसी देखी जा रही है.किसान बेबस नजर आ रहे हैं और अपने फसल को बचाने के सारी प्रयास विफल साबित हो रहे हैं. रामगढ़ पंचायत के रामगढ़ गांव निवासी किसान कमलदेव नारायण सिंह ने बताया कि इस बारिश व हवा खेतों में पानी जम जाने के कारण किसानों के करीब 40 प्रतिशत धान का नुकसान हुआ है. मोंथा तूफान के बाद के बाद धान की फसलों के नुकसान के बाद कृषि विभाग नुकसान के आकलन में जुट गया है . नुकसान के बारे में पूछे जाने पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी अंकित उपाध्याय ने बताया कि आकलन कराया जा रही है .अनुमान है कि 30 फीसदी से कम का नुकसान हुआ है. आकलन जुटाने के बाद ही एक्जेक्ट रिपोर्ट दी जाएगी.
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