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शहाबुद्दीन के समर्थन में सीवान में धरना, सीएम नीतीश निशाने पर

सीवान :बिहारके सीवानमें सोमवार को पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के समर्थन में सड़क पर उतरे राजद कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लिया. राजद सीवान इकाई के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि मुख्यमंत्री ने महागंठबंधन धर्म का पालन नहीं किया है. वे घटक के एक दल के साथ भेदभाव कर रहे हैं. कार्यकर्ताओं […]

सीवान :बिहारके सीवानमें सोमवार को पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के समर्थन में सड़क पर उतरे राजद कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लिया. राजद सीवान इकाई के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि मुख्यमंत्री ने महागंठबंधन धर्म का पालन नहीं किया है. वे घटक के एक दल के साथ भेदभाव कर रहे हैं. कार्यकर्ताओं का कहना था कि पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की लोकप्रियता से नीतीश कुमार घबरा गये हैं.

कार्यकर्ताओं का यह भी आरोप था कि खुद मुख्यमंत्री के संरक्षण में कई बड़े अपराधी मौजूद हैं, परंतु सीवान के विकास पुरुष के साथ उनका सौतेला व्यवहार समझ से परे है. धरना से पूर्व पार्टी के कार्यकर्ता हाथ में तख्तियां लिये हुए थे. इस पर साहेब नहीं आंधी है, बिहार का गांधी है, नीतीश कुमार अत्याचारी हैं, वी वांट जस्टिस सहित कई नारे लिखे हुए थे. कार्यकर्ताओं द्वारा जेपी चौक पर प्रदर्शन से पूर्व शहर में घूम कर सरकार के प्रति अपना विरोध जताया.

बताते चलें कि तेजाब कांड के चश्मदीद गवाह राजीव रोशन हत्याकांड में पटना उच्च न्यायालय द्वारा मो. शहाबुद्दीन को जमानत पर रिहा कर दिया गया था. इस मामले में सरकार की काफी फजीहत भी हुई थी. उधर, भागलपुर जेल से रिहा होने के बाद पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को परिस्थिति का मुख्यमंत्री बता कर सनसनी फैला दी थी. इधर, मामले में सरकार पटना उच्च न्यायालय के जमानतीय आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर जमानत को चुनौती दी गयी.

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए एक अक्तूबर को जमानत को रद्द करते हुए तत्काल पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन को हिरासत में लेने का आदेश सरकार को दिया था. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद स्वयं न्यायालय पहुंच कर पूर्व सांसद ने प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी संदीप कुमार की कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था. इधर, 13 वर्ष जेल में रहने तथा पुन: 20 दिन बाद जेल जाने से उनके समर्थक नाराज हो गये. इसके बाद जिले में कैंडल मार्च निकालने के साथ-साथ विरोध का सिलसिला भी जारी हो गया है.

प्रदर्शनकारियों ने मीडियाकर्मी को बनाया निशाना
पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के समर्थन में सोमवार को सड़क पर उतरे राजद कार्यकर्ताओं का गुस्सा मीडियाकर्मियों के खिलाफ साफ झलक रहा था. मीडिया के खिलाफ भी कार्यकर्ता हाथ में तख्तियां ले प्रदर्शन कर रहे थे. इसी बीच एक दैनिक अखबार का संवाददाता राजद कार्यकर्ताओं के गुस्से का शिकार हो गया. कार्यकर्ता प्रदर्शन का फोटो खींचने पर नाराज हो गये और संवाददाता के साथ मारपीट करते हुए कैमरे को तोड़ डाला. किसी तरह संवाददाता अपनी जान बचा कर भीड़ से अलग हुआ. घटना कचहरी रोड की है. इस घटना के बाद मीडियाकर्मियों में दहशत व्याप्त हो गया. घटना के वक्त पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद थे, परंतु वह मूकदर्शक बने रहे.

पांच घंटे जाम रहा जेपी चौक
सोमवार को राजद द्वारा जेपी चौक पर दिये गये एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन के दौरान आसपास सहित शहर की अधिकतर दुकानें बंद रहीं. विरोध-प्रदर्शन के दौरान जेपी चौक पूरी तरह से लगभग पांच घंटे जाम रहा. पूजा-पाठ का मौसम होने के कारण आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. इस दौरान लोगों ने शहर की बाइपास गलियों का सहारा लिया. हालांकि, प्रशासन द्वारा भारी पैमाने पर लॉ एंड आॅर्डर को मेंटेन करने के लिए पुलि स बल को तैनात किया गया था. जेपी चौक सहित अन्य स्थानों पर सैप के जवान सहित रैफ के जवानों की तैनाती की गयी थी. इस दौरान एसटीएफ के जवान द्वारा शहर में शांति व्यवस्था कायम करने के लिए भ्रमण भी किया गया.

सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे ‘साहेब’ के समर्थक
सीवान : सरकार की पहल पर पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की जमानत को सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द किये जाने से नाराज शहाबुद्दीन समर्थक सोमवार को सड़क पर उतर गये. पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, राजद कार्यकर्ताओं ने शहर स्थित जेपी चौक पर धरना दिया तथा सरकार विरोधी नारे लगाये. हाथों में तख्तियां लिये कार्यकर्ता मो. शहाबुद्दीन के पक्ष में न्याय की मांग कर रहे थे. धरना-प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे राजद नेता सह पूर्व प्रमुख बबन यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि एक षड्यंत्र के तहत जमानत को रद्द कराने का काम किया है. उन्होंने कहा कि पूर्व सांसद के खिलाफ उच्च न्यायालय में सूबे की सरकार द्वारा शपथ में गलत तथ्य पेश कर जमानत को रद्द कराया गया है.

शपथ पत्र में सरकार द्वारा उल्लेखित तथ्य को कि सीवान में आतंक कायम है, की कड़ी निंदा की. पूर्व जिप अध्यक्ष लीलावती गिरि ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि एक ओर जहां राजद के महासचिव द्वारा धरना के संबंध में प्रेस रिलीज जारी किया गया, वहीं दूसरी ओर, पार्टी के कई बड़े नेताओं ने अपने आपको इससे अलग रखा. जिलाध्यक्ष परमात्मा राम ने कहा कि इस धरना से राजद को कुछ लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि धरना-प्रदर्शन का आयोजन पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के समर्थकों द्वारा न्याय के लिए किया गया है. जिलाध्यक्ष सहित पार्टी का कोई विधायक धरना में शामिल नहीं हुआ. इस मौके पर महासचिव रंजीत यादव, नंदजी राम, मो. मोबिन, हामिद रजा खान, कृष्णा देवी, हरेंद्र सिंह, एसबी राय, लालबाबू चौधरी, मो. युसूफ, मृत्युंजय सिंह, सुधाकर तिवारी, फजलुद्दीन, जमाल अहमद, अजय चौहान, इमानुल हक, सुरेंद्र पांडेय, नुरुल हक अंसारी सहित दर्जनों की संख्या में राजद कार्यकर्ता व समर्थक उपस्थित थे.

विवादास्पद है राजद का यह धरना: सांसद

सीवान. राजद द्वारा आयोजित एक दिवसीय धरने की स्थिति को स्पष्ट करने को सांसद ओम प्रकाश यादव ने कहा है. राजद के धरना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए सांसद श्री यादव ने कहा कि अगर धरना बिहार सरकार के विरुद्ध है, तो राजद के कार्यकर्ताओं को पार्टी सुप्रीमो से सरकार से अलग होने की मांग करनी चाहिए. वहीं, यदि सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ है, तो ऐसे देशद्रोहियों को भारत में रहने का काेई अधिकार नहीं है.

सांसद श्री यादव ने कहा कि यह धरना अपने आपमें विवादास्पद है. क्योंकि राजद एक सजायाफ्ता कैदी को क्यों जेल में रहने से नाराज है. उन्होंने कहा कि पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा अापराधिक इतिहास को देख कर जमानत रद्द कर दिया गया, तो क्या सुप्रीम कोर्ट से भी एक अपराधी के समर्थक बड़े हैं. सांसद ने महागंठबंधन पर प्रश्न चिह्न खड़ा करते हुए कहा कि धरना में कांग्रेस-जदयू का एक भी व्यक्ति शामिल नहीं था. उन्होंने कहा कि जनता समय पर सबको जवाब देती है, इसमें कोई दो राय नहीं है.

महागंठबंधन के नेता पर कोई विवाद नहीं
सीवान. जदयू जिलाध्यक्ष राजेश्वर चौहान ने कहा कि महागंठबंधन के नेता के बारे में किसी को कोई शक नहीं होनी चाहिए. राजद द्वारा सरकार के खिलाफ एक दिवसीय धरना पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जिलाध्यक्ष श्री चौहान ने कहा कि जब राजद व कांग्रेस पार्टी नीतीश कुमार को अपना नेता मान चुकी है, तो कौन क्या करता है इससे कुछ फर्क पड़नेवाला नहीं है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां महागंठबंधन धर्म निभाना जानते हैं, वहीं राजधर्म का पालन करना उन्हें अच्छी तरह से आता है. जिलाध्यक्ष श्री चौहान ने कहा कि जिसके कंधे पर सूबे के विकास का बोझ है, वे ऐसी ओछी राजनीति व हरकतों पर ध्यान नहीं देते हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी मामले पर विचार करने के लिए महागंठबंधन के शीर्ष नेता काफी हैं.

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