सीवान. जिला के आठ विधानसभा का चुनावी परिणाम शुक्रवार की देर रात घोषित हो गया. इनमें 7 सीटों ओर एनडीए और एक सीट महागठबंधन के प्रत्याशी विजयी हुए. आठ विधानसभा क्षेत्र में 76 प्रत्याशी चुनावी मैदान में थे.आर पार की लड़ाई के चलते इनमें 60 प्रत्याशी अपनी जमानत नही बचा सके. राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि जिला की चुनावी राजनीति के एनडीए और महागठबंधन दो ध्रुव थे. इन दो ध्रुवों में मतदाता विभाजित हो गए. जिसके कारण अधिकांश प्रत्याशी अपनी जमानत गवा बैठे. चुनाव जीत हार तक ही सीमित नहीं होती है. इसमें कई कानूनी प्रावधान भी होते है. जमानत जब्त होने का प्रावधान चुनावी प्रक्रिया का अहम हिस्सा है.यह उन उम्मीदवारों पर लागू होता है जो चुनावी मैदान में अपनी पार्टी या निर्दलीय के रूप चुनाव लड़ते है. यदि किसी उम्मीदवार को निर्धारित न्यूनतम वोट प्रतिशत नहीं मिलते हैं, तो उसकी जमानत राशि जब्त कर ली जाती है. उम्मीदवार कुल वोटों का 6 प्रतिशत प्राप्त नहीं करता है, तो उसकी जमानत जब्त कर ली जाती है.इस चुनाव में रनर और विनर को छोड़कर कोई अन्य अपनी जमानत बचाने में सफल नही हो सका. यह क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है.
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