सीवान. विधान सभा चुनाव में मतदाताओं ने जमकर इवीएम का बटन दबाया.मतदाताओं ने चुनाव में अभूतपूर्व उत्साह दिखाया.विगत चुनाव की अपेक्षा वोट प्रतिशत में इजाफा हुआ.मतदान में आधी आबादी की भागीदारी भी पुरुषों से अधिक रही. विधानसभा के 8 सीटों में से 7 सीटों पर इस बार एनडीए ने पूरी तरह कब्जा जमाते हुए शानदार जीत हासिल की.वही इसी बीच नोटा (इनमें से कोई भी नहीं) ने भी इस चुनाव में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई.जिले में इस बार 31742 लोगों ने नोटा का बटन दबाया, जो 2020 की तुलना में अधिक है.इससे स्पष्ट होता है कि मतदाताओं का एक वर्ग लगातार नोटा को अपने विकल्प और अभिव्यक्ति के रूप में देख रहा है.सूबे में 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान जब पहली बार नोटा का विकल्प दिया गया, तो इसका व्यापक प्रभाव देखने को मिला. जीरादेई विधान सभा क्षेत्र में नोटा हार जीत के अंतर से आगे निकल गया.नोटा को 4707 मत मिला.जबकि 2626 वोट से जदयू को जीत मिली है.इस सीट पर नोटा ने उम्मीदवारों के अंतर से भी अधिक मत हासिल कर यह संकेत दिया कि मतदाता उपलब्ध विकल्पों में से किसी से संतुष्ट नहीं थे.यह संख्या बताती है कि मतदाता मात्र वोट डालने नहीं आए थे. वे एक संदेश देने आए थे.विशेष बात यह कि कई ऐसे उम्मीदवार जो खुद को बदलाव का प्रतिनिधि बताकर मैदान में उतरे थे. उन्हें भी मतदाताओं ने प्राथमिकता नहीं दी. स्थानीय विश्लेषकों का मानना है कि जब मतदाता पारंपरिक और नए दोनों तरह के उम्मीदवारों को नकारकर नोटा का बटन दबाते हैं तो यह सिर्फ असंतोष ही नहीं, राजनीतिक उम्मीदों की असफलता भी दिखाता है.हालांकि नोटा को लेकर लोग इसे मतदाताओं में समझदारी की कमी बता रहे है. नोटा में पड़े वोट सीवान-2098 जीरादेई-4707 दरौली-4546 गोरेयाकोठी-3655 दरौंदा-5151 रघुनाथपुर-4546 बड़हरिया-3932 महराजगंज-3035
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