सीवान : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुरुवार को जल-जीवन-हरियाली यात्रा के तीसरे पड़ाव सीवान के भगवानपुर हाट पहुंचे. वहां उन्होंने कहा कि जल है तो जीवन है और जीवन है, तभी हरियाली है.
जल-जीवन-हरियाली का संबंध भावी पीढ़ी से है, जिसे मिशन मोड में पूरा किया जायेगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है. पहले के बिहार और अब के बिहार में काफी फर्क है. हर क्षेत्र में काम हो रहा है. न्याय के साथ विकास हो रहा है. हेलीपैड से सीधे तालाब का मुआयना करने पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण बेहद जरूरी है.
तेजी से हो रहे जलवायु परिवर्तन को लोग झेलने को मजबूर हैं, लेकिन अब समय सजग होने का है. सरकार यह ठान चुकी है कि आमजन की सहभागिता से बड़ा काम किया जायेगा. जैसे आमजन के सहयोग से शराब को बंद किया गया, बाल विवाह और दहेज प्रथा पर नकेल कसी गयी, वैसे ही जल-जीवन-हरियाली को अंतिम चरण तक पहुंचाया जायेगा.
आठ करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य : मुख्यमंत्री ने कहा कि बारिश में भारी गिरावट आयी है. 30 वर्ष पहले बारिश 1200 से 1500 एमएम थी, जो अब घटकर औसतन 900 एमएम रह गयी है. अगले तीन वर्षों में शुद्ध ऑक्सीजन व वर्षा की स्थिति सुधारने के लिए उन्होंने आठ करोड़ पौधे लगाने की बात कही, जबकि डेढ़ वर्षों में डेढ़ करोड़ से अधिक पौधे लगाये जा चुके हैं. इस दौरान मुख्यमंत्री ने 324 करोड़ की 354 योजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि 13 जुलाई को विधानमंडल के सभी सदस्यों के साथ बैठक में निर्णय हुआ कि जल-जीवन-हरियाली अभियान चलाया जायेगा. जल और सिंचाई के बीच में जीवन को इसलिए रखा गया कि जल और हरियाली रहेगा, तभी जीवन संभव है. मनुष्य ही नहीं, जीव-जंतुओं के लिए भी यह जरूरी है. इसके लिए बिहार में तालाब, पोखर, आहर, पइन को अतिक्रमणमुक्त किया जा रहा है.
इस दौरान मंच पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, सांसद जनार्दन सिंह सीग्रीवाल, जिला प्रभारी मंत्री प्रमोद कुमार, सीवान सांसद कविता सिंह, विधायक हेम नारायण साह, रमेश सिंह कुशवाहा व व्यासदेव प्रसाद, मुख्य सचिव दीपक कुमार, प्रधान सचिव चंचल कुमार, डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय, आयुक्त रॉबर्ट एल चोंगथू, डीआइजी विजय वर्मा, डीएम रंजिता, एसपी नवीनचंद्र झा, जदयू नेता शैलेंद्र प्रताप सिंह आदि मौजूद थे.
जलवायु परिवर्तन के हिसाब से करें खेती
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जरूरी नहीं कि परंपरागत फसलों पर ही किसानों की निर्भरता हो. राज्य सरकार जलवायु परिवर्तन के हिसाब से क्षेत्र में फसल उत्पादन पर काम कर रही है.
रेन वाटर हार्वेस्टिंग का काम भी मिशन मोड में शुरू किया जायेगा, ताकि जो जल नालियों में बह जाता है, वह भूमिगत जल के रूप में परिवर्तित हो सके. इसके लिए सरकारी भवनों के किनारे सोख्ते बनाये जायेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2007 में बाढ़ के दौरान राज्य की बड़ी आबादी पीड़ित हुई थी. इसके बाद हमने आपदा प्रबंधन पर काम शुरू किया. उन्होंने कहा कि बिहार के झारखंड से अलग होने के बाद यहां हरित आवरण नौ फीसदी रह गया था. 2012 में हमने हरियाली मिशन की शुरुआत की और 24 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य रखा. इनमें 19 करोड़ पौधे लगाये जा चुके हैं.
सभी पंचायताें में अप्रैल से होगी उच्च माध्यमिक की पढ़ाई
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले 12% बच्चे स्कूल से बाहर थे, जो अब घटकर एक फीसदी से भी कम हो गया है. मुख्यमंत्री ने बढ़ती आबादी पर भी चिंता व्यक्त की. कहा कि जहां महिलाएं शिक्षित हैं, वहां प्रजनन दर काफी कम है, इसलिए अप्रैल से हर पंचायत में उच्च माध्यमिक की पढ़ाई शुरू की जायेगी. उन्होंने हर घर नल का जल और बिजली क्षेत्र में सुधार को सरकार की प्राथमिकता बताया.