सीवान : लंबे समय से जर्जर भवन में चल रहे जिला पशु अस्पताल के दिन लौटने वाले हैं. शीघ्र जर्जर भवन को तोड़कर वहां आधुनिक सुविधाओं से लैस एक मंजिला पशु अस्पताल का निर्माण एक करोड़ 15 लाख की लागत से किया जायेगा. प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है, टेंडर की प्रक्रिया भी शीघ्र प्रारंभ होगी.
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आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा जिले का पशु अस्पताल, कार्य हुआ शुरू
सीवान : लंबे समय से जर्जर भवन में चल रहे जिला पशु अस्पताल के दिन लौटने वाले हैं. शीघ्र जर्जर भवन को तोड़कर वहां आधुनिक सुविधाओं से लैस एक मंजिला पशु अस्पताल का निर्माण एक करोड़ 15 लाख की लागत से किया जायेगा. प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है, टेंडर की प्रक्रिया भी शीघ्र प्रारंभ होगी. […]
डेढ़ साल के अंदर यह अस्पताल बनाकर पूर्ण रूप से पशु अस्पताल प्रशासन को सौंपने का समय निर्धारित है. भवन निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता अशोक कुमार का कहना है कि प्रशासनिक स्वीकृति में देरी होने के साथ बजट बढ़ोतरी के बाद नये डिजाइन की स्वीकृति के कारण देरी हो गयी. परंतु अब देरी नहीं होगी.
जिला को नया पशु शल्य चिकित्सा अस्पताल का तोहफा मिल जायेगा. कार्यपालक अभियंता ने बताया कि भवन एक मंजिला होगा. भूतल पर चार बड़े कमरे बनेंगे तो प्रथम तल पर भी चार कमरे बनाये जायेंगे. इसके साथ ही पशुओं के लिए भी ढलाव वाला ढांचा तैयार किया जायेगा.
लंबे समय से हो रही थी मांग
सीवान जिला पशु शल्य अस्पताल भवन की वर्तमान हालत को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि यहां ऑफिस संचालन बहुत ही मुश्किल भरा है. दवाएं रखने के लिए भी उचित जगह नहीं है. जिस ऑफिस में कर्मी बैठकर कार्य करते हैं, उसी को गोदाम बनाया गया है. आधे से ज्यादा जगह में दवाओं के कार्टून रखे होते हैं. थोड़ी सी जगह में कर्मी कुर्सी टेबल लगाकर कार्य करते हैं.
दूसरी ओर बीमार पशुओं के इलाज और देखभाल के लिए जो बरामदा है, वह कभी भी गिर सकता है. ऐसे में कोई पशुपालक अपने पशुओं को भले ही धूप में खड़ा रखते हैं. लेकिन उस बरामदे में बांधना नहीं चाहते. आलम यह है कि पशुओं का इलाज भी खुले मैदान में किया जाता है. जबकि इसके लिए ऊंचा शेड होना चाहिए.
ढलाव होना चाहिए. नये आधुनिक भवन बनने के बाद यह सभी सुविधाएं सीवान पशु अस्पताल को मिलने की उम्मीद है. पशु अस्पताल भवन के निर्माण को लेकर वहां के कई पूर्व प्रभारियों ने जिला प्रशासन को लिख चुके हैं.
लेकिन प्रशासनिक स्वीकृति और बजट स्वीकृति के पेच में यह मामला पिछले पांच वर्ष से चक्कर काटते हुए अब जाकर अपने मंजिल पर पहुंचा है. प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद भवन निर्माण विभाग सक्रिय हो गया है. इसके डिजाइन और निर्माण कार्य प्रारंभ करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है, और बजट भी पास हो चुका है. इसलिए टेंडर के बाद तुरंत कार्य प्रारंभ हो जायेगा.
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