सीवान:बिहार के सीवान में चार वर्षीय अबोध बालिका के साथ दुष्कर्म कर हत्या करने के मामले में 19 वर्षीय जियाउद्दीन उर्फ धनू को एडीजे वन विनोद शुक्ल की अदालत ने दोषी पाते हुए मृत्यु दंड की सजा सुनायी है. इधर, बचाव पक्ष के अधिवक्ता राम नरेश ने कोर्ट में एक बिना सर्टिफिकेट का आवेदन दे कर किशोर होने का दावा किया था. परंतु कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया. सजा की बिंदु पर दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने बुधवार को अपना फैसला सुनाया.
बताते चले कि बड़हरिया थाना के इजमाली निवासी मो. राजा की पत्नी रुकशाना खातून ने बड़हरिया थाना में दर्ज कराये गये कांड संख्या 274/18 में कहा था कि 25 अगस्त 2018 को पड़ोस में मिलाद हो रहा था. मेरी चार वर्षीय पुत्री यास्मीन वहीं खेल रही थी. थोड़ी देर बाद मेरा भतीजा मो. हुसैन मेरे पहुंचा. उसने बताया की यास्मीन गायब है. खोजबीन करने के दौरान गांव के लोगों ने बताया कि कलामुद्दीन मियां का पुत्र जियाउद्दीन उर्फ धनू बच्ची को गोद में लेकर मक्के के खेत के तरफ ले गया. उसके बाद मक्के के खेत से अकेले निकल आया.
ग्रामीणों की सूचना के बाद जब खोजते हुए मक्के के खेत में पहुंचे तो वहां की स्थिति देख दंग रह गयी. दूसरे दिन मक्के के खेत में मिट्टी में बच्ची का शव क्षत विक्षत हालत में पाया गया. जिसे पुलिस ने जब्त कर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया था. परिजनों के बयान व आवेदन पर पुलिस ने आरोपित जियाउद्दीन को गिरफ्तार कर लिया था.
पुलिस जेल भेजने के लिए कोर्ट में लायी थी कि आरोपित जियाउद्दीन कोर्ट से फरार हो गया था. जिसे पुलिस ने थावे स्टेशन के पास से गिरफ्तार कर लिया था. उसी समय से आरोपित जेल में बंद है. अभियोजन की तरफ से विशेष एपीपी नरेश कुमार सिंह व सूचक अधिवक्ता कबीर अहमद एवं बचाव पक्ष से पैनल अधिवक्ता उषा सिन्हा ने जिरह किया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने बलात्कार, हत्या व हत्या कर शव गायब करने के आरोप में जियाउद्दीन उर्फ धनू दोषी पाया था.
कोर्ट ने मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म मामले में मृत्यु दंड, भादवी 302 में आजीवन कारावास की सजा, 30 हजार रुपये फाइन, फाइन नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा सुनायी है. इसी तरह 363 में पांच वर्ष की सजा सुनाते हुए एक हजार रुपये फाइन लगाया है. वहीं 201 में भी पांच वर्ष की सजा व एक हजार रुपये की फाइन की सजा सुनायी है.