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वर्ल्ड एयर क्वालिटी में बिहार के इस जिले की स्थिति हुई बेहतर, जानिये कितनी साफ हुई हवा

2017,2018 व 2019 के मुकाबले 2020 में शहर की हवा में गुणात्मक सुधार के संकेत मिले है. वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है. मंगलवार को जारी इस रिपोर्ट देश के प्रदूषित शहरों में गया का नाम नहीं है.

गया. 2017,2018 व 2019 के मुकाबले 2020 में शहर की हवा में गुणात्मक सुधार के संकेत मिले है. वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी है. मंगलवार को जारी इस रिपोर्ट देश के प्रदूषित शहरों में गया का नाम नहीं है. वहीं बिहार के चार जिलों में भी गया सबसे निचले पायदान पर है.

रिपोर्ट के मुताबिक गया के वायु प्रदूषण स्तर में 2017 के मुकाबले 2020 में 54.87 प्रतिशत का सुधार हुआ है. 2017 में शहर का सलाना एयर क्वालिटी एवरेज 102.6 था, जबकि 2020 में यह 46.3 हो गया. वहीं 2018 में एयर क्वालिटी इंडेक्स 96.6 व 2019 में 59.4 था. स्पष्ट है कि तीन सालों में शहर की हवा में गुणात्मक सुधार होता गया है.

रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में सबसे अधिक वायु प्रदूषण मुजफ्फरपुर में है, यहां 2020 में एवरेज एयर क्वालिटी इंडेक्स 74.3 है. दूसरे नंबर पर पटना (एवरेज एयर क्वालिटी इंडेक्स 68.4) व तीसरे स्थान पर हाजीपुर (एवरेज एयर क्वालिटी इंडेक्स 54) है. गया चौथे स्थान पर है.

लाॅकडाउन के दौरान बेहतर हुई स्थिति

2020 में कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद मार्च में सरकार द्वारा किये गये लॉकडाउन से शहर की हवा में प्रदूषण का स्तर बहुत कम हो गया. लॉकडाउन की वजह से मार्च से लेकर अक्तूबर तक वाहनों का आवागमन लगभग प्रतिबंधित रहा.

खास कर पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह से बंद रहा. दूसरी तरफ शहर व आसपास के क्षेत्र में चलने वाले विभिन्न प्रकार के उद्योग भी बंद रहे. ऐसे में हवा में हानिकारक पार्टिकल का मिलावट नहीं हुआ. यही कारण रहा है कि 2020 में प्रदूषण का स्तर काफी कम हो गया.

2020 में गया का मासिक एवरेज एयर क्वालिटी इंडेक्स

जनवरी – 88

फरवरी – 60.8

मार्च -42.4

अप्रैल- 38

मई-43.8

जून- 36.5

जुलाई- 27.4

अगस्त- 31.4

सितंबर- 24.3

अक्तूबर – 36.3

नवंबर – 51.2

दिसंबर- 69.4

क्या कहते हैं अधिकारी

गया के डीटीओ जनार्दन कुमार ने कहा कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए परिवहन विभाग के स्तर पर कार्रवाई जारी है. कई जगहों पर वाहन प्रदूषण जांच केंद्र खोल दिये गये हैं ताकि अपने वाहन के प्रदूषण स्तर की जांच कराते रहें. इसके साथ ही प्रदूषण लाइसेंस नहीं रहने पर वाहन मालिकों से जुर्माना लिया जा रहा है.

लोगों में भी अब जागरूकता आ रही है. दूसरी सबसे मुख्य काम यह हुआ कि बीते एक वर्ष में शहर में इ-रिक्शे का परिचालन बढ़ा है. आॅटो की जगह अब लोग इ-रिक्शे खरीद रहे हैं. इससे भी वायु प्रदूषण में सुधार हुआ है.

वैसे दुनिया के सबसे प्रदूषित 30 शहरों में से 22 भारत में हैं. इन 22 शहरों में बिहार का मुजफ्फरपुर भी है. मंगलवार को जारी ‘वर्ल्ड एयर क्वालिटी रिपोर्ट, 2020’ में यह बात कही गयी है. बिहार में एकमात्र शहर मुजफ्फरपुर ही इस सूची में है. मुजफ्फरपुर का पीएम 2.5 : 113.6 और एक्यूआइ : 182 है.

Posted by Ashish Jha

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