सीतामढ़ी. डीएम रिची पांडेय ने शनिवार को जिला गंगा समिति, जिला पर्यावरण समिति एवं एकल उपयोग प्लास्टिक पर रोकथाम से संबंधित टास्क फोर्स की बैठक की, जिसमें डीडीसी मनन राम, डीएफओ, डीआरडीए निदेशक राजेश भूषण, डीपीआरओ कमल सिंह व अन्य मौजूद थे. मौके पर डीएम ने सर्व प्रथम नमामि गंगे परियोजना के मुख्य उद्देश्यों पर चर्चा की. लखनदेई नदी में लोगों द्वारा नदी के प्रवाह को बाधित करने व जल संरक्षण के लिए नदी के दोनों किनारों पर तालाब निर्माण को जिले में नदी के प्रवेश स्थल से जिले के अंतिम सीमा तक नदी के विस्तार क्षेत्र में पड़ने वाले स्थलों की जांच में आने वाली समस्याओं पर चर्चा की गयी. साथ ही गंगा नदी को प्रदूषित करने वाली सीतामढ़ी से होकर बहने वाली सहायक नदियों यथा बागमती नदी एवं लखनदेई नदी की धारा को अवरोध रहित एवं प्रदूषण मुक्त रखने के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश सदस्यों को दिया गया.
स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम को जिम्मा
डीएम ने बायो मेडिकल वेस्ट (चिकित्सीय अपशिष्ट) प्रबंधन को लेकर नगर निगम व स्वास्थ्य विभाग को सख्त निर्देश दिए. कहा कि जो नर्सिंग होम, पैथोलॉजी लैब एवं ऐसी अन्य संस्थाएं क्लिनिक बायो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन प्रणाली के अंतर्गत अनुबंध नहीं कराते हैं, उनके लाइसेंस तत्काल रद्द किए जाएं. कहा, लखनदेई नदी के कुछ स्थलों पर गाद की समस्या है। जहां नदी के बांध टूटे हुए हैं, वहां बोल्डर की आवश्यकता है. इसे लेकर संबंधित नगर कार्यपालक अधिकारियों एवं नगर निगम को निर्देश दिया गया कि सीओ के साथ जमीन का सर्वे कर तालाबों के निर्माण को स्थल चिह्नित उसके सौंदर्यीकरण एवं पौधारोपण का कार्य किया जाए.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है