सीतामढ़ी. पीएचसी, डुमरा के परिसर में रविवार को लावारिस स्थिति में दवाएं देखी गयी. खास बात यह कि आमजन के लिए सरकार से आपूर्ति की गयी उक्त दवाओं के लावारिश स्थिति में रहने की जिम्मेवारी न पीएचसी प्रभारी लिए है और न स्वास्थ्य प्रबंधक ही. हालांकि दोनों ने इसकी जांच कर दोषी के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है. बता दे कि परिसर में करीब सौ पीस ओआरएस, स्ट्रीजिन 75 पीस व मैक्रोजोनल दो पीस फेंका हुआ था.
— स्टोर इंचार्ज ने समेटी दवाएं
मीडिया कर्मियों की नजर लावारिश दवाएं पर पड़ी, तो उसकी तस्वीरें ले ली. इसके बाद अस्पताल के कर्मियों को अपनी गलती का अहसास हुआ. दवा स्टोर कीपर रौशन कुमार ने मीडिया के तस्वीर लेने के बाद तुरंत दवाओं को समेट कर स्टोर में ले गए. बहरहाल, एक ओर जहां आमजन को दवाओं की कमी की समस्या से जूझना पड़ता है. वहीं, अस्पताल परिसर में दवाएं लावारिश अवस्था में मिले, यह अस्पताल प्रबंधन की व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है. पीएचसी प्रभारी अक्षय कुमार ने बताया कि शनिवार को मजदूर स्टोर में काम कर रहे थे. इस कारण दवाएं वहां रखी हुई थी. काम समाप्ति के बाद मजदूरों ने दवाओं को पुनः स्टोर में नहीं रख सका था. वैसे दवा कि देखरेख का काम स्वास्थ्य प्रबंधक का है मामले कि जांच कि जाएगी दोषी पाने वाले कर्मी पर कार्रवाई की जाएगी. स्वास्थ्य प्रबंधक अनुपमा कुमारी ने दवाओं के बाहर में फेंके होने की जानकारी से इनकार किया. दोनों ने सोमवार को इसकी जांच कर कार्रवाई की बात कही है.
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