सीतामढ़ी. जेल अधीक्षक मनोज कुमार सिन्हा के आवेदन पर करीब सात महीने बाद सदर अस्पताल से इलाज के दौरान फरार विचाराधीन कैदी के मामले में नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराया गया है. प्राथमिकी में बताया गया है कि सितंबर 24 में मधुबनी जिले के मधवापुर थाना क्षेत्र के सिरोखर गांव निवासी जीतन मंडल के पुत्र छेदी मंडल को मंडल कारा से इलाज के लिए सदर अस्पताल स्थित कैदी वार्ड में लाया गया था. इलाज के दौरान आरोपी के द्वारा शौच जाने की बात कही गयी. इसी दौरान आरोपी शौचालय का वेंटीलेटर तोड़कर बाहर निकलकर फरार हो गया. आशंका होने पर जब क़ैदी वार्ड के सुरक्षा में तैनात पुलिस की जवानों ने शौचालय के गेट को तोड़कर अंदर देखा तो पता चला कि आरोपी फरार हो गया. तत्काल जेल प्रशासन व स्थानीय पुलिस को सूचना दी गयी. छापेमारी के बावजूद आरोपी को पुलिस नहीं पकड़ पायी. नगर थानाध्यक्ष विनय प्रताप सिंह ने बताया कि इस संबंध में कैदी वार्ड के सुरक्षा में तैनात पुलिस के जवान के द्वारा थाने में आवेदन देकर प्राथमिकी दर्ज कराने की बात कही गयी थी. लेकिन संबंधित पुलिस जवान के द्वारा कैदी के भागने को लेकर थाने में कोई आवेदन नहीं दिया गया. साथ हीं पुलिस के द्वारा जेल अधीक्षक कार्यालय को इसकी सूचना दी गयी है. लेकिन वहां से भी कैदी के भागने के मामले में कोई आवेदन नहीं दिया गया था. जिसके कारण आजतक आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है. जानकारी के अनुसार जब इस मामले वरीय अधिकारी के द्वारा पूछताछ की गई तो प्राथमिकी दर्ज नहीं होने की बात सामने आयी. इस मामले में क़ैदी वार्ड के सुरक्षा में तैनात पुलिस के जवान के आवेदन पर आरोपी पर मामला दर्ज किया जाना था. लेकिन जवान के द्वारा पुलिस को कोई आवेदन नहीं दिया गया. जेल अधीक्षक के आवेदन पर रविवार को मामला दर्ज कराया गया है. करीब सात महीने बीत जाने के बाद भी फरार विचाराधीन कैदी छेदी मंडल के खिलाफ मामला दर्ज नहीं को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे है.
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