शेखपुरा : सदर अस्पताल में संस्थागत प्रसव कराने आयी महिला की मौत के बाद परिजनों ने जहां प्रबंधन पर कई संगीन आरोप लगाये. वहीं दूसरी ओर हंगामा भी मचाया. मंगलवार की दोपहर बाद करीब ढाई बजे की घटना में मौके पर पहुंचे सिविल सर्जन विजय कुमार ने घटनाक्रम की जांच करने की बात कही. बरबीघा के सामस बुजुर्ग गांव निवासी संटू सिंह की 25 वर्षीया विवाहिता रेणु देवी को सदर अस्पताल में संस्थागत प्रसव के लिए सुबह करीब 10 बजे भरती कराया गया था.
मौके पर पीडि़त पिता ने आरोप लगाया कि संस्थागत प्रसव के दौरान कोई चिकित्सक ने मरीज को नहीं देखा. अस्पताल मरीज को वहां सिस्टर के बदौलत प्रसव के लिए छोड़ दिया. लेकिन जब घटना की दोपहर मरीज की स्थिति गंभीर हो गयी तब उसे सही उपचार तो नहीं मिला और ना ही रेफर किया जा सका. इस दौरान पीडि़त पिता ने चिकित्सक की गैर मौजूदगी के साथ इलाज में कोताही बरतने के साथ ऑपरेशन कर प्रसव कराने के नाम पर वहां तैनात महिला स्वास्थ्य कर्मी पर 15 हजार रुपये मांगने का संगीन आरोप भी लगाया.
राशि जमा कराने के बाद ही ऑपरेशन करने का भी आरोप लगाया. परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि मरीज की हालत बिगड़ने तक डॉक्टर तो नहीं पहुंचे लेकिन जब पहुंचे तब तक गर्भवती महिला की मौत हो गयी. इस घटना के बाद पीडि़त परिजनों ने शव को अस्पताल में रख कर जम कर नाराजगी प्रकट की. इस घटना की सूचना पाकर जब सिविल सर्जन वहां पहुंचे तब परिजनों ने घटना की पूरी जानकारी दी. सिविल सर्जन ने बताया कि मरीज को महिला चिकित्सक ने देखा था. उन्होंने घटना में मौत के कारणों की जांच करने की बात कही.