शेखपुरा : कुसुम्भा पंचायत के वॉक गांव में पानी के लिए हाहाकार मचा है. यहां तकरीबन 25 सरकारी चापाकल है लेकिन ग्रामीणों की प्यास बुझाने वाली चापाकल सिर्फ दो-तीन ही है. ग्रामवासी पानी के लिए दुसरे गांव में करीब आधा किलोमीटर की दूरी से पानी लाते हैं. यहां सालों से गरमी के मौसम में पानी […]
शेखपुरा : कुसुम्भा पंचायत के वॉक गांव में पानी के लिए हाहाकार मचा है. यहां तकरीबन 25 सरकारी चापाकल है लेकिन ग्रामीणों की प्यास बुझाने वाली चापाकल सिर्फ दो-तीन ही है. ग्रामवासी पानी के लिए दुसरे गांव में करीब आधा किलोमीटर की दूरी से पानी लाते हैं. यहां सालों से गरमी के मौसम में पानी के लिए आदमी से लेकर जीव-जंतु भी तरसते हैं. ग्रामीणों का कहना है कि जो पानी मिलता है वह पूर्ण रुप से शुद्ध नहीं है.
ग्रामीणों की मांग है कि गांव में लगे चापाकल चालू करायी जाए या फिर जलापूर्ति की व्यवस्था की जाय. वहीं दूसरी ओर कुसुम्भा पंचायत के कुसुम्भा गांव में भी तकरीबन 15 से 20 चापाकल लगे हैं. जिसमें 3-4 चालू हैं जो पूर्ण रुप से गंदा पानी दे रहे हैं. पीने योग्य भी नहीं है. फिर भी ग्रामीण किसी भी तरह गंदे पानी से प्यास बुझा रहे हैं.
कभी कुआं का पानी कभी तलाब के पानी से अपनी प्यास बुझाते हैं. गाँववासी संजय कुमार, दीपक कुमार, शशुभूषण निंरकारी, प्रकाश तिवारी,अरुण पांडेय व समस्त ग्रामीणों ने अपनी इस समस्या को लेकर जिलाधिकारी से गुहार लगाते हुए अविलम्ब कार्रवाई की मांग की है.
संपर्क पथ नहीं बनने से परेशानी
घाटकुसुम्भा : शेखपुरा भाया पुरैना घाटकुसुम्भा मार्ग का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क पथ नहीं बनने से प्रखंड वासियो को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही इस संपर्क पथ के आभाव में लाखों की लागत से बने पुल भी बेकार साबित हो रहे हैं.
भदौसा, दरियापुर समेत अन्य गाँव के ग्रामीणों को 12 किलोमीटर के जगह पर गगौर होते हुए 25 किलोमीटर दुरी तय करना पङता है. इसके अलावे प्रखंड पदस्थापित कर्मचारियों का भी लम्बी दूरी तय करनी पङती है. इससे सभी प्रखंडवासियों में आक्रोश व्याप्त है. प्रखंडवासियों का कहना कि प्रखंड कार्यालय स्थापित हुए 3 साल हो गया लेकिन एपरोच कब बनेगा.कर्मियों एवं ग्रामीणों को मोटर साइकिल रोड पर लावारिश की स्थिति में छोङकर पैदल प्रखंड मुख्यालय जाना पङता है.