एक दर्जन से अधिक किसानों ने कृषि पदाधिकारी को दिया आवेदन,
12 दिन बीत जाने के बाद भी गेहूं के पौधे खेतों में नहीं हो रहे अंकुरित
चेनारी.
प्रखंड क्षेत्र में कृषि विभाग से किसानों को अच्छी पैदावार के लिए अनुदानित दरों पर गेहूं का बीज बोने के लिए वितरण किया गया है. यह बीज बिहार राज्य बीज निगम लिमिटेड ने उपलब्ध कराया है, प्रमाणित गेहूं बीज है. जिसे किसानों ने कृषि विभाग के माध्यम से दुकानों से खरीद कर खेतों में बुआई की. लेकिन, 12 दिन से अधिक बीत जाने के बाद भी गेहूं के पौधे खेतों में नहीं अंकुरित हो रहे हैं. जिससे किसानों की चिंता बढ़ने लगी है. शुक्रवार को एक दर्जन से अधिक किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारी से शिकायत कर बीज कंपनी पर कार्रवाई करते हुए क्षतिपूर्ति दिलाने की मांग की है. प्रखंड क्षेत्र के केनार खुर्द गांव के किसान रामवचन बिंद, पाडेयडीह गांव के किसान शंकर पांडेय, वीरनगर गांव के किसान धर्मेंद्र प्रसाद, पेवंदी गांव के किसान मुकेश सिंह, लालमोहर पाल समेत दर्जनों किसानों ने बताया कि हमलोग कृषि विभाग के पोर्टल पर आवेदन कर संबंधित दुकान से गेहूं का बीज खरीद कर खेतों में बोया था. लेकिन, 10-12 दिन से अधिक हो जाने के बाद भी बीज में अंकुरण नहीं आया है. जिसके बाद दुबारा बोने की स्थिति उत्पन्न हो गयी है.किसानों ने एक हजार रुपये प्रति 40 किलोग्राम की दर से गेहूं बीज खरीदेकिसानों ने बताया कि उन्होंने ऋण लेकर एक हजार रुपये प्रति 40 किलोग्राम की दर से गेहूं बीज खरीदे थे. बीज अंकुरित न होने से उन्हें भारी नुकसान हुआ है. उन्होंने प्रखंड कृषि पदाधिकारी और सलाहकार को इसकी जानकारी दी है. लेकिन, अभी तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है. कुल मिलाकर, सैकड़ों एकड़ से अधिक खेतों में यह समस्या बनी हुई है. दरअसल चेनारी प्रखंड क्षेत्र में धान कटाई के बाद किसानों ने खेत तैयार कर कृषि विभाग से वितरित गेहूं की बीज की खेतों में बुआई की. साथ में महंगे दामों पर डीएपी व अन्य खाद भी डाले. किसानों ने सोचा कि सही समय पर अच्छे बीज और खाद मिलाकर बुआई कर देंगे, तो पैदावार अच्छी होगी. लेकिन, खेतों में गेहूं अंकुरित नहीं होने से किसानों के मंसूबे पर पानी फिर गया. गेहूं बीज अंकुरित नहीं होने की खबर जैसे ही दुर्गावती प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत किसानों के बीच पहुंची. किसानों में हाहाकार मच गया. बहुत से किसानों ने गेहूं बीज की बुआई कर दी. हालांकि ज्यादातर किसान अभी गेहूं बीज खरीद कर अभी बुआई नहीं कर पाये हैं. इसी बीच इस तरह की जानकारी से किसानों चिंतित हैं.
कहते हैं किसानखुरमाबाद पंचायत के खुरमाबाद गांव निवासी रामचंद्र रजक ने बताया कि मैने 12 बीघा खेत में कृषि विभाग से प्रमाणित गेहूं बीज बोया था. लेकिन, 12 दिन बाद भी अंकुरित नहीं हुआ, मेरा खेत खाली हो गया है. जबकि अनुदान की राशि काटकर 25 रुपये किलो गेहूं का बीज विभाग से लिया था. इसी में हमारे गांव के पांच सात किसानों ने अपने खेतों गेहूं बीज बोया था., लेकिन उनका भी अंकुरित नहीं हुआ. किसानों का कहना है कि अब उन्हें फिर से खेत तैयार कर दोबार बीज खरीदकर बुआई करनी होगा, जिससे आर्थिक बोझ बढ़ेगा. किसानों का सवाल है, कि ऐसे बीज का वितरण क्यों किया गया. यह किसानों के साथ अन्याय है. इस तरह से किसाने की कमर टूट जायेगी. वहीं किसान मुनेश्वर सिंह कुशवाहा ने बताया कि प्रखंड कृषि कार्यालय से गेहूं का बीज लिया था. लेकिन, बीज अंकुरित नहीं हुआ. दोबारा बाहर से लाकर बीज बोना पड़ा .बोले कृषि पदाधिकारीप्रखंड कृषि पदाधिकारी रोहित कुमार सिंह ने बताया कि किसानों का आवेदन प्राप्त हुआ है. जिसे लेकर जिला कृषि पदाधिकारी के पास भेजा जा रहा है. किसानों से डीपीडब्लू- 222 में जर्मिनेशन की शिकायत आ रही है. वहीं किसानों को मुआवजा की बात पर कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जिला कृषि पदाधिकारी से मार्गदर्शन की मांग की गयी है. निर्देश मिलने के बाद अग्रतर कार्रवाई की जायेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

