करगहर. प्रखंड के 20 पैक्सों और एक व्यापार मंडल में अब तक धान की खरीदारी शुरू नहीं होने से किसानों की परेशानी बढ़ती जा रही है. जबकि राज्य सरकार ने 15 नवंबर से ही धान की खरीद के लिए समय निर्धारित किया था. इसके बावजूद अब तक सरकारी स्तर पर धान की अधिप्राप्ति शुरू नही हुई है. किसानों की माने, तो प्रतिकूल मौसम के चलते क्षेत्र में धान की कटाई में कुछ विलंब जरूर हुआ है. लेकिन, देर से हार्वेस्टिंग शुरू होने के चलते अब धान में नमी नाम मात्र नही है. यदि सरकारी स्तर पर ससमय खरीद शुरू हो जाती, तो किसानों को रबी की बुआई में मदद मिलती. वहीं, घरों में होने वाले मांगलिक कार्यों में भी परेशानी नहीं होती. कई किसानों ने कहा कि यदि हमलोग धान अधिप्राप्ति के चक्कर में फंसे रहे, तो रबी फसल भी चौपट हो जायेगी. ऐसी स्थिती में बिचौलियों के हाथों औने-पौने दामों पर धान बेचना मजबूरी है. उन्होने कहा कि किसान बिचौलियों के हाथों 1700 सौ से 1800 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान बेच रहे हैं. जबकि सरकार द्वारा बोरे के साथ 2369 रुपये प्रति क्विंटल धान अधिप्राप्ति के लिए दर निर्धारित की है. लेकिन, अभी तक एक भी पैक्स द्वारा धान की खरीदारी शुरू नहीं हो सकी है. किसान नेता रामाशंकर सरकार ने कहा कि इस बार भी प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक वर्ष की भांति धान खरीद में खानापूर्ति की जायेगी. उन्होने कहा कि पैक्स मनमानी करते है. वे किसानों से धान खरीदने के बजाय बिचौलिए से धान लेकर अपना गोदाम भरते है. उन्होंन कहा कि ऐसा करने से पैक्सों को अच्छी खासी मुनाफा होता है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

