सासाराम नगर, करगहर . पलायन व माइग्रेशन का अर्थ करगहर विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने समझ लिया. साथ ही जाम की समस्या से जूझते लोगों को भी जवाब मिला. वहीं, जगजीवन स्टेडियम की बदहाल स्थिति पर भी नेताओं ने अपना पक्ष रखा. मंगलवार को करगहर विधानसभा क्षेत्र के करगहर बाजार में लगे प्रभात खबर चौपाल में लोगों ने अपने नेताओं से सीधे सवाल पूछा और उनके सवालों का जवाब नेताओं ने दिया. प्रभात खबर चौपाल के मंच पर श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार सिंह, करगहर विधायक संतोष कुमार मिश्रा, बसपा के प्रत्याशी उदय सिंह के प्रतिनिधि मंगल सिंह, राजद के कमलेश चौबे, दिनेश राय के प्रतिनिधि सुबोध कुमार राय और जनसुराज के भावी प्रत्याशी रितेश पांडेय उपस्थित थे. मंच पर बैठे नेताओं ने सबसे पहले अपना परिचय दिया, जिसके बाद लोगों ने उनसे सवाल पूछना शुरू किया. करगहर विधानसभा वह क्षेत्र है, जिसका चर्चा हाल के दिनों में खूब हो रही है. जनसुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर इसी विधानसभा क्षेत्र के रहनेवाले हैं. जनता की ओर से सवालों की शुरुआत जगजीवन स्टेडियम से हुई, जो इस विधानसभा का इकलौता खेल मैदान है. यह मैदान इस क्षेत्र के कई राजनीतिक कार्यक्रमों और खेलों का गवाह बना है. आज इसकी स्थिति दयनीय है. इस सवाल के जवाब में तत्कालीन विधायक संतोष कुमार मिश्रा ने कहा कि स्टेडियम की स्थिति खराब है. हालांकि उसके सुधार के लिए मनरेगा के तहत कार्य कराया जा रहा था, जिसपर कुछ लोगों ने जमकर राजनीति की. इस वजह से उसका जीर्णोद्धार कार्य नहीं हो पाया. हालांकि, स्टेडियम के पुन:निर्माण के लिए खेल विभाग को पत्र लिखा गया है. इसके अलावा इस स्टेडियम को लेकर दो बार विधानसभा के प्रश्नकाल के दौरान भी सवाल किया गया था. इस स्टेडियम का एस्टीमेट तैयार हो रहा है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा. इसके बाद विधायक से ही एक व्यक्ति ने पूछा करगहर बाजार में आये दिन लग रहे जाम की समस्या से निजात कब मिलेगी? इसके अलावा सब्जी मंडी कब बनेगी?, तो विधायक ने इस जाम को लेकर स्थानीय लोगों को दोषी बताते हुए कहा कि यहां पर अतिक्रमण आप में ही से कुछ लोगों ने किया है. रही बात इससे निजात दिलाने की, तो उसके लिए सरकार से मैंने बाइपास बनाने का आग्रह किया है. इसके अलावा सब्जी मंडी के सवाल पर उन्होंने कहा कि यहां के अगल-बगल में सब्जी मंडी बनाने के लिए भूमि की तलाश की जा रही है. अगर मिल जायेगी, तो वहां सब्जी मंडी बनायी जायेगी. वहीं, पलायन को लेकर भी एक सवाल सत्ता पक्ष के मंत्री से पूछा गया. इसका जवाब देते हुए श्रम संसाधन मंत्री ने पलायन और माइग्रेशन का अर्थ लोगों को समझाने का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि पलायन उसे कहते हैं, जो अपनी जमीन और जायदाद बेचकर जाकर दूसरे जगह बस जाये. जैसा की आज से 20 वर्ष पहले राजद की सरकार में हो रहा था. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि सासाराम के कपड़ा के व्यवसायी ने तंग आकर अपना सबकुछ बेचकर यहां से चले गये. वहीं, माइग्रेशन उसे कहते हैं, जो बेहतर जीवन के लिए लोग दूसरे जगह जाते हैं. इस जवाब के आते ही मंच पर बैठे जनसुराज के रितेश पांडेय ने मंत्री से पूछा, तो 20 वर्षों से आपकी सरकार बिहार में है और आप यह मानते हैं कि बिहार में बेहतर व्यवस्था नहीं है, जिसकी वजह से लोग माइग्रेशन कर रहे हैं. इसका जवाब मंत्री जी देते, उसके पहले ही जनसुराज के समर्थकों ने हंगामा शुरू कर दिया और रितेश पांडेय मंच छोड़कर चले गये.
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